Most Important Religious Pilgrimage Places and Attractions of Chitrakoot Dham
भारत में बहुत से प्राचीन तीर्थस्थल हैं, जिनमें से चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) एक विशेष धाम हैं। चित्रकूट धाम वह स्थान है, जहां श्री राम जी ने वनवास के समय 11 साल बिताए। भारत के प्रमुख विद्वानों ने अपनी रचनाओं में भी चित्रकूट की महिमा का बखान किया हैं। चित्रकूट धाम सदियों से ही ऋषि-मुनियों की तपस्या का विशेष स्थल रहा है। यह स्थल बहुत सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है।
यह मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा हुआ है। मंदाकिनी नदी के किनारें बने रामघाट और कामतानाथ मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। इसी स्थान पर ऋषि अत्रि और सती अनुसुइया ने ध्यान लगाया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनुसुइया के घर जन्म लिया था।
राम घाट चित्रकूट (Ram Ghat Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 28 राम घाट चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/राम-घाट-चित्रकूट.jpg)
राम घाट वह घाट है, जहाँ प्रभु राम नित्य स्नान किया करते थे और इसी घाट पर राम और भरत मिले थे। उनकी याद में यहाँ राम भरत मिलाप मंदिर है और इसी घाट पर श्री राम ने अपने पिता राजा दशरथ की अस्थियों का विसर्जन किया था। इसी घाट के साथ भरत घाट है, जहां भरत ने स्नान किया था। शाम को होने वाली यहां की आरती का आनंद ले, जिससे मन को शांति मिलती है।
भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट (Bharat Milap Temple Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 29 भरत मिलाप मंदिर चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/भरत-मिलाप-मंदिर-चित्रकूट.jpg)
भरत मिलाप मंदिर वह स्थान है। जहां राम वनवास के समय भरत से मिले थे। उनके पद चिन्हों के निशान आज भी है और पत्थर ने भाई-भाई के प्रेम को देख के अपनी जड़ता छोड़ दी थी, जिससे दोनों भाइयो के पद चिन्ह बन गए थे। उनके पद चिन्हों के दर्शन आज भी किये जाते है।
जानकी कुण्ड चित्रकूट (Janaki Kund Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 30 जानकी कुण्ड चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/जानकी-कुण्ड-चित्रकूट.jpg)
मंदाकिनी नदी के किनारे जानकी कुण्ड भी स्थित है। जहां जानकी जी स्नान करती थी, जो राम घाट से लगभग 2 किलोमीटर दूर है, जानकी कुण्ड के पास राम जानकी रधुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर स्थित है। जानकी कुण्ड पर मंदाकनी नदी के किनारे सीढियां बनी हुई है, जिन पर पैरो के निशान है, जो माता सीता के पैरो के निशान माने जाते है। वनवास के समय यह स्थान माता सीता का सबसे पसंदीदा स्थान था।
भरत कूप चित्रकूट (Bharat Coupe Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 31 भरत कूप चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/भरत-कूप-चित्रकूट.jpg)
चित्रकूट के पश्चिम में भरतपुर गांव के पास एक विशाल कुआ हैं, जिसमे भरत ने श्री राम के राज्याभिषेक के लिए पावन स्थानों का जल रखा था। इसी कूप को भरत कूप के नाम से जाना जाता है। इसका पानी कभी कम नहीं होता।
भरत आयोध्या वासियों को साथ लेकर श्रीराम को मनाने चित्रकूट आए थे, साथ में भगवान राम का राज्याभिषेक करने के लिए समस्त तीर्थों का जल भी लाये थे लेकिन राम ने तो 14 वर्ष के वनवास की प्रतिज्ञा कर ली थी, इससे भरत का मन बहुत दुखी हुआ और अपने साथ श्री राम की खड़ाऊँ लेकर वापस चले गए।
स्फटिक शिला चित्रकूट (Sphatik Shila Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 32 स्फटिक शिला चित्रकूट 1](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/स्फटिक-शिला-चित्रकूट-1.jpg)
मंदाकिनी नदी के किनारे जानकी कुण्ड के पास एक शिला स्थित है, जिस पर श्री राम और सीता जी बैठ कर चित्रकूट की सुंदरता का आनंद लेते थे। इस शिला पर उनके पैरो के निशान भी है। यह वही स्थान है, जहां जयंत नाम के राक्षस ने कौवा का रूप लेकर माता सीता को चोंच मारी थी। इस स्थल को स्फटिक शिला के नाम से जाना जाता है।
हनुमान धारा चित्रकूट (Hanuman Dhara Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 33 हनुमान धारा चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/हनुमान-धारा-चित्रकूट.jpg)
हनुमान धारा वह स्थान है, जहां श्री राम ने लंका दहन से लोटते समय हनुमान जी के आराम के लिए इस जगह का निर्माण किया और जब उनके शरीर की ज्वाला शांत नहीं हुई, तो श्री राम ने उस पहाड़ी पर जल की धारा प्रवाहित की थी। आज भी वहां पंचमुखी हनुमान जी की विशाल मूर्ति पर यह धारा गिर रही है इसीलिए इस पहाड़ी को हनुमान धारा के नाम से जानते है उसी पहाड़ी पर सीता रसोई भी बनी हुई है।
कामदगिरि पर्वत चित्रकूट (Kamadgiri Mountain Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 34 कामदगिरि पर्वत चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/कामदगिरि-पर्वत-चित्रकूट.jpg)
कामदगिरि पर्वत बहुत ही खूबसूरत जगह है। परम पिता ब्रह्मा जी ने जब इस सृष्टी की रचना की थी, तब इस पवन स्थान पर 108 अग्नि कुण्डो के साथ हवन किया था। धनुषाकार इस पर्वत पर एक विशाल झील भी है। वनवास के कुछ दिन श्री राम ने यहाँ भी बिताये थे। कामदगिरि पर्वत के चारों तरफ सुन्दर मंदिर स्थित है। श्रद्धालु इस पर्वत की 5 किलोमीटर की परिक्रमा कर अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण होने की कामना करते हैं।
सती अनुसुइया आश्रम चित्रकूट (Sati Anusuiya Ashram Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 35 सती अनुसुइया आश्रम चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/सती-अनुसुइया-आश्रम-चित्रकूट.jpg)
चित्रकूट के घने वनों के बीच एक आश्रम है, जिसमे अनुसुइया, दत्तात्रेय, दुर्वासा मुनि और अत्रि मुनी की मुर्तियां है इसी जगह पर सती अनुसुइया ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को जन्म दिया था। महर्षि अत्रि अपनी पत्नी अनुसुइया और तीन पुत्रों के साथ इस आश्रम में रहते थे। ऐसा माना जाता है कि सती अनुसुइया के तप से मंदाकिनी नदी उत्पन्न हुई थी और श्री राम भी देवी सीता के साथ यहाँ घूमने आये थे। देवी अनुसुइया ने इसी स्थान पर सीता जी को सतित्त्व का महत्व बताया था इसी लिए इसे सती अनुसुइया आश्रम कहाँ जाता है।
गुप्त गोदावरी चित्रकूट (Gupt Godavari Chitrakoot)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 36 गुप्त गोदावरी चित्रकूट](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/गुप्त-गोदावरी-चित्रकूट.jpg)
चित्रकूट के राम घाट के दक्षिण में गुप्त गोदावरी की दो गुफाएं हैं। गोदावरी गुफा के अंदर की चट्टानों से एक धारा बहती है। जो गोदावरी नदी कहलाती है और अन्य चट्टानों में बहती हुई गायब हो जाती हैं। पहली गुफा का प्रवेशद्वार संकरा है इसलिए इसमें घुसना बहुत मुश्किल होता है। इसमें एक छोटी नदी भी है, जिसे गोदावरी नदी कहते हैं। दूसरी गुफा पतली और लम्बी है। इस गुफा के अंत में राम और लक्ष्मण ने दरबार लगाया था।
वाल्मीकि आश्रम (Valmiki Ashram)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 37 वाल्मीकि आश्रम](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/वाल्मीकि-आश्रम.jpg)
चित्रकूट में नदी के तट पर एक उची पहाड़ी पर वाल्मीकि आश्रम है। जब 14 वर्षो के वनवास के बाद श्री राम ने माता सीता का त्याग कर दिया था। तब वह इसी आश्रम में रुकी थी और इसी आश्रम में माता सीता ने लव-कुश नाम के दो बच्चो को जन्म दिया था।
शबरी झरना (Shabri Falls)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 38 शबरी झरना](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/शबरी-झरना.jpg)
चित्रकूट में जमुनीहाई गांव के पास मंदाकनी नदी के किनारे एक खूबसूरत झरना हैं, जिसको शबरी फाल्स के नाम से जाना जाता है।
सीता रसोई (Sita Rasoi)
![चित्रकूट धाम (Chitrakoot Dham) के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ स्थल और आकर्षण 39 सीता रसोई](https://www.jagkhabar.com/wp-content/uploads/2022/07/सीता-रसोई.jpg)
एक पहाड़ी की चोटी पर प्राचीन रसोई है, जिसमे पठारों से बने हुए चूल्हे, बेलन और चौकी है। इस रसोई में माता सीता खाना बनाती थी। चित्रकूट की यात्रा का यह एक सूंदर रूप है। इसी रसोई को सीता रसोई के नाम से जाना जाता है।
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