Madhya Pradesh – State of Historical Monuments, World Heritage and Cultural Heritage
मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित बहुत बड़ा और प्रसिद्ध राज्य है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल है। इस राज्य को भारत का दिल भी कहा जाता है। यहां पर कई ऐतिहासिक स्मारक, किले, महल, मंदिर और मस्जिद स्थित है, जोकि यहां आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
मध्य प्रदेश 1 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य हुआ करता था। इस राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य भी मौजूद है, जिनमें अनेकों बहुमूल्य प्राकृतिक और काल्पनिक दृश्य, वनस्पतियां और अनेकों जीवों की कई लुप्तप्राय प्रजातियां मौजूद है। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में प्रत्येक 12 वर्षों में कुंभ (सिंहस्थ) मेले का पुण्यपर्व विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।
यदि आप मध्य प्रदेश घूमने के बारे में सोच रहे है, तो हमारे द्वारा लिखे गए इस लेख में आपको यहां के विशेष आकर्षणों से परिचित करवाने का संभव प्रयास किया गया है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (Kanha National Park)
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में स्थित कान्हा राष्ट्रीय उद्यान है। यह कई प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के साथ-साथ राष्ट्रीय उद्यान के रूप में प्रसिद्ध है। यहां बारहसिंगा, काला हिरण, सांभर और चीतलों को एक साथ देखा जा सकता है। इसके अलावा यहां बाघ, तेंदुआ, जंगली सूअर, चीतल, नीलगाय, गौर, भैंसे, सियार आदि हजारों पशु और पक्षियों का झुंड है। यह 300 से अधिक प्रजातियों के वन्यजीवों, पशु और पक्षियों का घर है। यह मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का नाम एशिया के सर्वश्रेष्ठ पार्कों में शामिल है। यहां बड़े स्तनधारियों की लगभग 22 प्रजातियां देखने को मिलती है। और बंगाल टाइगर की भी एक प्रजाति इस स्थान पर प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी। इस समय राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 940 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस उद्यान को 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व के तहत लिया गया था।
खजुराहो (Khajuraho)
भारत के मध्य में स्थित मध्य प्रदेश राज्य का खजुराहो एक बहुत ही खास शहर और पर्यटन स्थल है। यह केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपने प्राचीन और मध्यकालीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो अपने प्रसिद्ध मंदिर के कारण पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है। इसकी त्रुटिहीन मूर्तियां, जटिल नक्काशी और ललित कला के नमूनों ने इसे भारत के सात अजूबों में स्थान दिलाया है।
खजुराहो में आप अनेक जगह घूम सकते है, जैसे; अजयगढ़ किला, पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, कंदरिया महादेव, दुलादेव, चित्रगुप्त, बेनी सागर बांध और पुरातत्व संग्रहालय है। यह मध्ययुगकालीन भारतीय वास्तुकला और संस्कृति का शानदार नमूना है। यहां पर हिंदू और जैन मंदिरों की वास्तुकला प्रेम के एक खास रूप को दर्शाती है।
ग्वालियर (Gwalior)
मध्य प्रदेश में संस्कृति, कला और इतिहास से परिपूर्ण ग्वालियर सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह ऐतिहासिक मील के पत्थर का एक आदर्श मिश्रण है। इस शहर में सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल ग्वालियर का किला है, जो भारत के सर्वश्रेष्ठ किलों में से एक है।
ग्वालियर में घूमने के लिए ग्वालियर का किला, तानसेन मकबरा, टाइगर डैम, सास बहू मंदिर, सूर्य मंदिर, सिंधिया संग्रहालय, माधव राष्ट्रीय उद्यान, मानसिंह पैलेस, जय विलास पैलेस और गोपाचल पर्वत आदि महत्वपूर्ण स्थान है। ग्वालियर को भारत के ऐतिहासिक समृद्धि में योगदान देने वाले प्रसिद्ध शहरों में से एक माना जाता है। ग्वालियर सिर्फ महलों तक ही नहीं, बल्कि इसकी पहाड़ियां, खूबसूरत हरियाली पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
ओरछा (Orchha)
मध्य प्रदेश में घूमने के लिए अच्छी जगहों में से ओरछा एक सूंदर शहर है, जो बेतवा नदी के तट पर स्थित है। ओरछा में स्थित मुख्य आकर्षण ओरछा किला देश भर में प्रसिद्ध है। इसमें कुछ अद्भुत किले और मंदिर हैं, जो पुरानी वास्तुकला को दर्शाते हैं। इस किले में राजा महल, जहांगीर महल, शीश महल, राय प्रवीण महल और फूल बाग जैसे कई आकर्षण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ओरछा का मंदिर, बुंदेला के राजपूतों की पूर्व राजधानी है। यहाँ श्री राम को समर्पित राजा राम मंदिर है, जिसमे हर रोज शाम की आरती में सैकड़ो लोग शामिल होते है और बेतवा नदी के किनारे पर बैठकर एक फोटोजेनिक सूर्यास्त का आनंद ले सकते है। यहां आप लक्ष्मीनारायण मंदिर की पवित्र दहलीज को स्पर्श कर सकते है, फूलबाग में घूमने का आनंद लें सकते है और बेतवा नदी में नौका विहार कर अपनी यात्रा को यादगार बना सकते है।
ओंकारेश्वर (Omkareshwar)
मध्य प्रदेश का एक पवित्र ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा और कावेरी नदियों के संगम पर स्थित है। इस जगह का नाम भगवान् शिव के नाम पर रखा गया है। ओंकारेश्वर भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो हर साल हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के प्राचीन मंदिर शांति दर्शाते हैं। ओंकारेश्वर कुछ समय बिताने और गहराई से पवित्रता में डूबने के लिए एक आदर्श स्थान है।
मध्य प्रदेश पर्यटन स्थल धार्मिक लोगों और इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक स्वर्ग है। यह लोकप्रिय स्थलों में से एक है। इसमें दो पहाड़ियों के बीच में एक घाटी शामिल है। ओंकारेश्वर के कई मंदिरों में आपको शांति के अलावा ओर कुछ नही महसूस होगा। ओंकारेश्वर में धार्मिक यात्रा की दृष्टि से आप सिद्धनाथ मंदिर, रणमुक्तेश्वर मंदिर, श्री ओंकार मांधाता मंदिर, गोरी सोमनाथ मंदिर, केदारेश्वर मंदिर, श्री गोविंदा भगवतपद गुफा, काजल रानी गुफा, ममलेश्वर ज्योत्रिलिंग, अहिल्या घाट, पेशावर घाट, ओंकारेश्वर बांध आदि में घूमने जा सकते है।
पचमढ़ी (Pachmarhi)
मध्यप्रदेश राज्य में स्थित पचमढ़ी एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो सतपुड़ा पर्वतमाला की रानी के रूप में जाना जाता है। यह खूबसूरत हिल स्टेशन जंगल में गुफा, दृश्यों, चित्रों, झरनों और झीलो के लिए प्रसिद्ध है। पचमढ़ी आपको चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाने के लिए सबसे श्रेष्ठ स्थान है। पचमढ़ी मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटक स्थल है। यहां पर्यटको को शांति, खिलते पहाड़, बहते झरने, चांदी की बरसाती झरने और सदाबहार हरियाली देखने को मिलती है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण इस स्थान को ‘सतपुड़ा की रानी’ भी कहा जाता है।
पचमढ़ी अपनी खूबसूरती के लिए देश-विदेश के पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है। पचमढ़ी समुद्र तल से लगभग 1067 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यहां एक सुन्दर झरना देखने लायक है, जहां लगभग 350 फुट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है और यह पानी बिल्कुल दूध के समान लगता है। सतपुड़ा की पहाड़ियों में बसे इस शहर को मध्य प्रदेश का कश्मीर भी कहा जाता है।
जबलपुर (Jabalpur)
मध्य प्रदेश में घूमने के लिए सबसे आकर्षक स्थानों में से जबलपुर एक प्राकृतिक भव्यता से भरा शहर है। यह नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। जबलपुर शहर में मदन महल किला पश्चिमी बाहरी इलाके में एक चट्टानी पहाड़ी पर बना हुआ है। इसके अलावा हनुमंतल बड़ा जैन मंदिर और रानी दुर्गावती संग्रहालय शहर के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। सन 2011 की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग 12.7 लाख आंकी गई है।
जबलपुर शहर ग्रेनाइट और बलुआ पत्थर की पहाड़ियों से घिरा हुआ एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यह संगमरमर की चट्टानों और निकटतम राष्ट्रीय उद्यानो के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर संगमरमर की चट्टानों के लिए दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है। जबलपुर शहर में मुख्य आकर्षण पर्यटक स्थल धुंधार झरना, संगमरमर की चट्टानें, भेड़ाघाट, मदन महल किला, गुरुद्वारा ग्वारी घाट, पिसन हरि जैन मंदिर, डुमना नेचर रिजर्व, बरगी बांध, रानी दुर्गावती स्मारक और संग्रहालय आदि बहुत प्रसिद्ध है।
भोपाल (Bhopal)
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह कई झीलों, अविश्वसनीय संग्रहालयों, वन्यजीवों के भंडार और ऐतिहासिक महलों के लिए प्रसिद्ध है। भोपाल को झीलों का शहर भी कहा जाता है। 19 वीं शताब्दी के मुस्लिम शासकों का एक समृद्ध प्रभाव भोपाल में देखने को मिलता है। यह शहर इतिहास के शौकीन के लिए घूमने और इतिहास की चीजों को देखने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
भोपाल को नवाबों और तालाबों का शहर भी कहा जाता है। इनमें मुख्य रूप से सदर मंजिल, हमीद मंजिल ताजमहर, चिकलौद कोठी आदि शामिल हैं और इनमें दो मानव निर्मित खूबसूरत झीलें भी शामिल हैं। भोपाल संस्कृति, विरासत और आधुनिक जीवन के सही मिश्रण का एक बड़ा शहर है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ वन विहार नेशनल पार्क, लेक और हनुमान टेकरी जैसी जगह प्रसिद्ध है। भोपाल शहर साफ-सफाई के मामले में भी काफी आगे है। इस शहर में भारत भवन, शौर्य स्मारक, भीमबेटका, शहीद भवन जैसे स्थान पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और यहाँ ऊपरी झील, निचली झील, भोजपुर, बिड़ला संग्रहालय, राज्य संग्रहालय, गोहर महल और वन विहार राष्ट्रीय उद्यान आदि भी प्रसिद्ध है।
सांची (Sanchi)
साँची मध्य प्रदेश के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसे साँची बौद्ध मठ के रूप में जाना जाता है। यह पूर्व शैक्षिक और बौद्ध तीर्थस्थल प्रसिद्ध स्तूप के लिए जाना जाता है, जो यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध विश्व धरोहर के रूप में स्थित है। इस महान स्तूप को तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य वंश के सम्राट अशोक द्वारा स्थापित किया गया था। यह स्थान चारों ओर से हरे-भरे बगीचों से घिरा हुआ है। साँची में हमे विभिन्न साम्राज्यों के अवशेष संग्रह और आध्यात्मिक पर्यटन स्थल देखने को मिलते है।
साँची में स्थित स्तूपों को भगवान बुद्ध और कई महत्वपूर्ण बौद्ध अवशेषों के घरों के रूप में बनाया गया था। इस शहर ने विभिन्न शासक राजवंशों को देखा है इसलिए यह शहर अपने समृद्ध इतिहास का दावा करता है और साँची यहां आने वाले पर्यटकों को आनंद और शांति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन के लिए यह सबसे अच्छा स्थान माना जाता है।
उज्जैन (Ujjain)
उज्जैन शिप्रा नदी के किनारे बसा हुआ एक पवित्र शहर है। यह मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। उज्जैन हिंदुओं का उच्च धार्मिक स्थल माना जाता है। यहाँ हर रोज़ भारी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री आते है और यहां स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, जो कि भगवान शिव की बारह ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। इसे महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
उज्जैन एक महान धार्मिक केंद्र है। लगभग हर गली में मंदिर ही मंदिर दिखाई पड़ते हैं और इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यहां हर 12 साल बाद एक कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दुनियाभर से लाखों-करोड़ों लोग आते हैं। उज्जैन में धार्मिक पर्यटन के लिए चिंतामन गणेश मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, कालभैरव मंदिर, सिद्धावत, संदीपनी आश्रम, इंद्रा गाँधी स्टेचू और वेदशाला आदि आदर्श स्थान है और ज्यादातर लोग यहां शांति प्राप्त करने के लिए आते है।
मांडू (Mandav)
मध्य प्रदेश में एक चट्टान पर मांडू नामक एक छोटा सा शहर है। यह इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटको के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है। यहां कि हरियाली और प्राकृतिक सुन्दरता यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह कुछ अद्भुत स्थापत्य वैभव के लिए जाना जाता है। यहां आपको देखने को मिलेगी ऐतिहासिक विरासत, सुल्तान और रानी रूपमती के प्रेम की अमर कहानी, जो आज भी मांडू के कोने-कोने में गूंजती है।
मध्यप्रदेश के मांडव क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक किला हैं, जो मंडाव का एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है इसलिए इसे मंडाव का किला और मांडू महल के नाम से भी जाना जाता है। यह किला दो मानव निर्मित तालाबो के बीच में स्थित है। मांडू जहाज महल घूमने के लिए हर साल दुनिया भर से हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं और इसके अलावा मांडू में रानी रूपमती महल, हिंडौला महल, होशंगशाह का मकबरा आदि प्रमुख पर्यटक स्थल हैं।
इंदौर (Indore)
मध्य प्रदेश राज्य में इंदौर सबसे बड़े शहरों में से एक है, जो सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत के सबसे स्वच्छ शहरों में नंबर एक स्थान पर इंदौर लगातार चार वर्षों से रहकर राज्य को गौरवशाली कर रहा है। इतना ही नहीं, यह फूड कैपिटल, मिनी मुंबई और टूरिस्ट डेस्टिनेशन के मामले में भी काफी लोकप्रिय है। इंदौर में हर गली, मोहल्ले, कॉलोनी और चौराहे पर कूड़ेदान की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की गई है और हर गली में दिन में दो बार कचरा लेने वाली गाड़ी भी आती है।
राजवाड़ा महल इंदौर शहर के बीचोबीच स्थित है। इसे शहर का दिल भी कहा जाता है। इस महल का प्रवेश बेहद सुंदर व भव्य है। यह पूरा महल लकड़ी और पत्थर से निर्मित है। राजवाड़ा महल की ख़ूबसूरती आज भी बरकार है। इस शहर के संस्थापकों के पूर्वज मालवा के वंशानुगत जमींदार थे। उन्होंने होल्कर के आगमन के बाद भी एक हाथी, निशान, डंका और गाडी सहित रॉयल्टी की अपनी संपत्ति को बनाए रखा। इंदौर में नर्मदा नदी घाटी पर इंद्रेश्वर मंदिर का निर्माण किया गया, इसी कारण इस शहर का नाम इंदौर रखा गया।
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