• निफ्टी आज 124.30 अंक घटकर 21,930.75 पर पहुंचा
  • सेंसेक्स आज 364.38 अंक घटकर 72,258.71 पर पहुंचा
  • यमुनानगर में 25 को यमुना के घाटों की सफाई करेंगे सेवादार : बलदेव सिंह
  • दलितों के बीच राम मंदिर का जिक्र कम करेगी भाजपा:केंद्रीय योजनाओं पर रखेगी फोकस; चुनाव के लिए अलग-अलग वर्गों के हिसाब से बनाई रणनीति
  • वे हमें दिल्ली नहीं आने दे रहे, हम भी गांव में कील लगा देंगे...लोकसभा चुनाव से पहले गरजे राकेश टिकैत
  • Farmers Protest: कृषि मंत्री Arjun Munda का MSP पर चौंकाने वाला बयान
  • Loksabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट से वीडी शर्मा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी कांग्रेस
  • भारत को अकड़ दिखा रहा मालदीव लेकिन जमकर ले रहा फायदा
  • यूक्रेन युद्ध: पश्चिम देशों के सामने बड़ी मुश्किल, सहायता बढ़ाएं, समझौता करें, या रूस से अपमान सहें
  • यमुनानगर में बस में चढ़ते समय व्यक्ति का पर्स चोरी, केस
  • राजधानी एक्सप्रेस में सवार था साधारण सा दिखने वाला शख्स, GRP ने ली तलाशी तो हैरान रह गए अफसर
  • चीन के जासूसी जहाज ने नापा हिंद महासागर, मालदीव में लंगर डालेगा, मुइज्‍जू ने भारत का विरोध किया दरकिनार
  • राजा भैया से मिलने उनके घर पहुंचे यूपी बीजेपी अध्यक्ष
  • सीएम की बात नहीं मान रहे केके पाठक... विपक्ष ने खोला ACS के खिलाफ मोर्चा तो झल्ला गए नीतीश कुमार
  • झारखंड में जातीय जनगणना को सीएम चंपाई सोरेन की मंजूरी, कार्मिक विभाग को मिली जिम्मेवारी
  • Gujarat: ग्रामीण गए थे सोने की तलाश में... मिल गया प्राचीन 'खजाना', कच्छ में मिले हड़प्पा के बेशकीमती अवशेष

Jag Khabar

Khabar Har Pal Kee

कृष्ण-जन्माष्टमी

श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का महत्व, पौराणिक कथा और शुभ मुहूर्त 2022

Shri Krishna Janmashtami Significance, Mythology and Auspicious Muhurat 2022

श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) पूरे भारत में सबसे ज्यादा मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह एक वार्षिक त्योहार है, जोकि भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के अवसर पर बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह भगवान श्री कृष्ण का बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन श्रद्धालु अनुष्ठानों और परंपराओं का पालन करते हुए रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि तक उपवास रखते हैं और यथाविधि पूजा-अर्चना करते है।

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, भगवान कृष्ण इस दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार और बुराई के विनाशक के रूप में इस दुनिया में आए थे। भगवद गीता और भागवत पुराण सहित प्राचीन हिंदू साहित्य स्पष्ट रूप से भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी बताता है कि उनके जन्म के बाद से, भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के प्रत्येक 8 वें दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक कथा या इतिहास (Mythology or History)

भगवान कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं। हम सभी महाभारत से जानते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म राक्षस कंस को मारने के लिए हुआ था, जो कि उनके मामा थे। जब भी ब्रह्मांड में शांति और समृद्धि को लेकर कुछ असंतुलन होता है, तो कहा जाता है कि भगवान विष्णु मानवता को राक्षसों से बचाने के लिए किसी न किसी रूप या अवतार में अवश्य आते हैं।

भगवान कृष्ण ने वासुदेव और देवकी के जैविक रूप से द्वापर युग में एक सेलुलर जेल में जन्म लिया था लेकिन वासुदेव को एक तूफानी रात में अपने बच्चे को एक दोस्त को सौंपने के लिए यमुना नदी को पार करना पड़ा ताकि बच्चे को कंस के बुरे हाथों से बचाया जा सके। तब वासुदेव ने भगवान श्री कृष्ण को मथुरा के गोकुल क्षेत्र के मैया यशोधा के घर पहुँचा दिया। इस प्रकार मैया यशोधा और नंदा भगवान कृष्ण के पालक माता-पिता थे।

बचपन से ही भगवान कृष्ण एक अद्भुत बालक के रूप में उभर चुके थे। नंदगांव में जब भी कोई संकट आता था, तब भगवान श्री कृष्ण ही सभी को संकटग्रस्त होने से बचाते थे। धीरे-धीरे लोगों को उनपर विश्वास होने लगा। उनकी लीलाओं को देख गाँव वाले खुद को भाग्यशाली मानते थे और कृष्ण के जन्म को भव्य तरीके मनाते थे।

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व (Krishna Janmashtami Importance)

भगवान श्री कृष्ण की देशभर में बहुत अधिक मान्यता है। कृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन लोग उपवास रखते है। कृष्ण के लिए प्रेम के भक्ति गीत गाकर और रात में जागरण किया जाता है तथा कृष्ण के मध्य रात्रि के जन्म के बाद, शिशु कृष्ण के रूपों को नहलाया जाता है और कपड़े भी पहनाए जाते हैं, फिर उन्हें पालने में रखा जाता है।

कान्हा जी के स्वरूप को नहलाकर व पालने में बिठाने के बाद भक्तजन व श्रद्धालु अपना व्रत या उपवास खोलते है और महिलाएं अपने घर के दरवाजे और रसोई के बाहर छोटे-छोटे पैरों के निशान खींचती हैं, अपने घर की ओर चलती हैं, जो कि कृष्ण की उनके घरों में यात्रा का प्रतीक है। लोग अपने घरों को फूलों, दीयों और रोशनी से सजाते हैं। मंदिरों को भी खूबसूरती से सजाया और जलाया जाता है। यह पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश (विशेषकर मथुरा और वृंदावन में) में उत्सव विशेष रूप से शानदार होते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 2022 (Krishna Janmashtami Shubh Muhurat 2022)

इस वर्ष लोगों में जन्माष्टमी की तिथि को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई हैं क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि जन्माष्टमी गुरुवार 18 अगस्त को है, वहीं अन्य लोगो का मानना है कि यह शुक्रवार के दिन यानि 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसीलिए हम आपकी सभी शंकाओं को दूर करने के लिए पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त बताने जा रहे है।

वृद्धि योग प्रारंभ – 17 अगस्त को 08:56 PM से
वृद्धि योग समाप्त – 18 अगस्त के 08:41 PM तक

ध्रुव योग प्रारंभ -18 अगस्त 08:41 PM से
ध्रुव योग समाप्त – 19 अगस्त 08:59 PM तक

अष्टमी तिथि का प्रारंभ – 18 अगस्त को 09:21 PM से
अष्टमी तिथि समाप्त – 19 अगस्त के 10:59 PM तक

रोहिणी नक्षत्र का प्रारम्भ – 20 अगस्त को 01:53 AM से
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – 21 अगस्त के 04:44 AM तक

इस वर्ष अष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की 18 तारिक (गुरुवार) की रात 09:21 बजे से शुरू होकर 19 अगस्त (शुक्रवार) की रात 10.59 बजे समाप्त होगी।

Please follow and like us:
icon Follow en US
Pin Share

About Author

.

RSS
Follow by Email
X (Twitter)
Visit Us
YouTube
Instagram