राज्य अपराध शाखा ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए 274 पुलिस कर्मियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। इनमें उत्तरी क्षेत्र के अंबाला, करनाल, हिसार और पंचकूला रेंज के पुलिस थानों में 137 साइबर डेस्क पर तैनात कर्मियों को शामिल किया गया हैं।
हरियाणा में वर्ष 2021 में करीब 500 से ज्यादा साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए थे। जून 2021 में इनकी संख्या 250 से अधिक थी। साइबर पुलिस थाना पंचकूला में आयोजित साप्ताहिक प्रशिक्षण सत्र के दौरान लगभग 274 पुलिस कर्मियों को इस साइबर अपराध से निपटने के लिए विज्ञान-तकनीक के उपयोग से संबंधित बारीकियों की जानकारी प्रदान की गई। क्षेत्र के जिलों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी अपर पुलिस महानिदेशक, ओपी सिंह, पुलिस अधीक्षक और साइबर अपराध की देखरेख में राज्य अपराध शाखा को सौंपी गई।
प्रदेश को बांटा गया दो जोन में
ट्रेनिंग के समय साइबर डेस्क के लिए चयनित सभी पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के जिलों को दो जोन (उत्तर और दक्षिण क्षेत्र) में बांटा गया। उत्तर क्षेत्र के जिलों को साइबर अपराध के प्रशिक्षण के लिए राज्य नोडल एजेंसी की साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (पंचकूला) में प्रशिक्षित किया गया। पुलिस के ये सभी जवान साइबर क्राइम के शिकार लोगों से बातचीत और उनकी शिकायतें दर्ज करेंगे।
10 बैचो में दिया गया प्रशिक्षण
हर बैच के लिए साप्ताहिक प्रशिक्षण के साथ 10 बैचों में ‘साइबर डेस्क‘ समर्पित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साइबर फोरेंसिक से इनपुट के साथ सभी प्रशिक्षुओं को अपराध विश्लेषण के लिए आवश्यक उन्नत साइबर अपराध मॉड्यूल के साथ प्रशिक्षण दिया गया। शिकायत मिलने से लेकर उसके अंतिम मामले तक के निपटारे के लिये प्रशिक्षुओं के सामने लाइव मामलों की जांच की गई।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल नागरिक वित्तीय धोखाधड़ी रिपोर्टिंग, कानून, अपराधों के प्रकार, अपराध जांच तकनीक, ओपन सोर्स इंटेलिजेंस और फोरेंसिक की मुख्य बातों पर भी बल दिया गया।
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