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हरियाणा

हरियाणा (Haryana) – इतिहास, जीवंत संस्कृति और ऐतिहासिक विरासतो का राज्य

Haryana – State Of History, Vibrant Culture And Historical Heritage

हरियाणा भारत के उत्तर में स्थित एक खुशहाल राज्य है। हरियाणा के पूर्व में उत्तर प्रदेश, यमुना नदी, पश्चिम और दक्षिण में राजस्थान स्थित है और उत्तर में हिमाचल प्रदेश मौजूद है। हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है। हरियाणा में अनेकों ऐतिहासिक स्थान है, जोकि विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस राज्य में मौजूद अनेकों प्राचीन इमारतें, किले इत्यादि पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है।

हरियाणा ब्रिटिश भारत में पंजाब से जुड़ा हुआ था तथा वर्ष 1966 में इस राज्य को पंजाब से अलगकर बनाया गया और भारत के 17वें राज्य के रूप में इसे पहचान प्राप्त हुई। इस राज्य में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है तथा हरे भरे खेत-खलियान देखने को मिलते है।

हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र शहर में महाभारत का युद्ध हुआ था , जिसमे भगवान श्री कृष्ण की अहम भूमिका थी। कुरुक्षेत्र में वर्तमान समय में भी महाभारत से जुड़े अनेकों चिह्न व कला-कृतियाँ मौजूद है। इसी राज्य के पानीपत शहर में वें ऐतिहासिक तीन लड़ाइयाँ लड़ी गई थी, जिनका वर्णन वर्तमान समय में भी किया जाता है।

हरियाणा में अनेकों आकर्षक और ऐतिहासिक स्थान है, जिनमें से कुछ विशेष स्थानों का विवरण नीचे किया गया है:-

श्री कृष्ण संग्रहालय (Shri Krishna Museum)

श्री कृष्ण संग्रहालय हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र शहर में स्थित है। यह संग्रहालय भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। यहां के लोग इस संग्रहालय को अपंनी पहचान का केंद्र मानते है। श्री कृष्ण संग्रहालय, पैनोरमा और विज्ञान केंद्र के बिल्कुल पास में ही स्थित है। इस संग्रहालय में गीता (महाकाव्य महाभारत) तथा भगवान श्री कृष्ण से संबधित घटनाओं को तरह-तरह के कलाकृतियों के रूप दिखाया गया है।

श्री कृष्ण संग्रहालय

श्री कृष्ण संग्रहालय में छह गैलरीज मौजूद है, जिनमें हर एक में दो-दो ब्लॉक दिए गए है। यहां पर डिस्प्ले पर लघु चित्र, पत्थर की मूर्तियां, पत्ती नक़्क़ाशी, मिट्टी के बर्तन, टेराकोटा, कांस्य कास्टिंग इत्यादि देखने को मिलेंगें।

इसके अलावा कुरुक्षेत्र में सननिहृत सरोवर, ब्रह्म सरोवर, कुरुक्षेत्र पैनोरमा और विज्ञान केंद्र, भद्रकाली मंदिर, भगवद्गीता का ज्योतिसर जन्मस्थान, धरोहर हरियाणा संग्रहालय, शेख चिल्ली का मकबरा इत्यादि आकर्षण भी देखने को मिलते है।

यादविंद्र गार्डन्स अथवा पिंजौर गार्डन (Yadavindra Gardens or Pinjore Gardens)

पिंजौर गार्डन हरियाणा के पिंजौर शहर में स्थित एक ऐतिहासिक गार्डन है। यह गार्डन पटियाला राजवंश के शासकों ने बनवाया था। यह गार्डन 17वीं शताब्दी में औरंगजेब (1658-1707) के प्रारंभिक शासन के दौरान बना था। वर्तमान में इस गार्डन को राजा यादविन्द्र सिंह की याद में ‘यादविन्द्र गार्डन’ के नाम से जाना जाता है। पटियाला के रियासत से पहले इस गार्डन को वास्तुकार नवाब फिदाई खान ने बनाया था और बाद में बगीचे को यादविन्द्र सिंह ने नवीनीकृत किया।

यादविंद्र गार्डन्स अथवा पिंजौर गार्डन

पिंजौर गार्डन में आपको साइट संग्रहालय, हेरिटेज ट्रेन इत्यादि देखने को मिलेंगें।

पिंजौर शहर ज्यादातर 17वीं शताब्दी में निर्मित मुगल शैली के पिंजौर गार्डन (उद्यान) और हिंदुस्तान मशीन टूल्स (HMT) के कारखाने के लिए प्रसिद्ध है।

इसके अलावा पिंजौर में कौशल्या बांध भी बहुत सुंदर और प्रसिद्ध है।

गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब (Gurudwara Sri Panjokhra Sahib)

गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब, हरियाणा राज्य के अंबाला जिले में पंजोखरा नामक नगर (अंबाला और नारायणगढ़ रोड) में स्थित है। यह गुरुद्वारा सिखों के आठवें गुरु श्री हरकृष्ण साहिब जी को समर्पित है। यह गुरुद्वारा 17वीं शताब्दी मे निर्मित किया गया था।

गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब

यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों का मानना है कि गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब में जाकर प्रार्थना करने से ही सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते है और बीमारियां खत्म हो जाती है। इस पवित्र स्थान पर बहुत-ही दूर-दूर से लोग आकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते है।

इस गुरुद्वारे में तीज-त्यौहार के समय में बहुत बड़ी संख्या में भीड़ लग जाती है और सामान्य समय में भी यहां पूरे वर्ष भीड़ लगी रहती है। यह गुरुद्वारा पूर्णतय सफेद संगमरमर से निर्मित किया गया है। यह सिख धर्म का बहुत ही महत्वपूर्ण गुरुद्वारा है।

आदि बद्री धाम (Adi Badri Dham)

आदि बद्री धाम हरियाणा राज्य के यमुनानगर जिले में उत्तर की ओर वनक्षेत्र में स्थित है। यह स्थान बहुत ही प्राचीन समय से अस्तित्व में है। यहां पर सरस्वती उद्गम स्थल या सरस्वस्ती कुंड स्थित है। यह पहले नदी हुआ करती थी, परन्तु अब यह लुप्त हो चुकी है, यह नदी आज भी धरातल में प्रवाहमान है।

आदि बद्री धाम

आदि बद्री धाम का जिक्र कई पुराणों और ग्रंथों जैसे; महाभारत, भागवत पुराण, पद्म पुराण इत्यादि में भी किया गया है। यह स्थान शांति से परिपूर्ण है। मान्यता है कि यहां पर भगवान विष्णु ने स्वयं सकल तपस्या की थी। भगवान विष्णु ने श्रीमद् भागवत पुराण की संरचना यही पर की थी।

आदि बद्री धाम में भगवान शिव की भूमि श्री केदारनाथ, भगवान विष्णु का स्थान आदि बद्री नारायण और शिवालिक पहाड़ियों की चोटी पर माता मंत्रा देवी का मंदिर स्थित है।

आदि बद्री धाम जाते हुए बिलासपुर शहर में हनुमान जी का पंचमुखी मंदिर भी आता है, जोकि डाका मंदिर के नाम दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।

सूरजकुंड फरीदाबाद (Surajkund Faridabad)

सूरजकुंड हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित है। यह कुंड अपने हस्तशिल्प-मेले के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। इस मेले की खास बात यह है कि इसमे प्रति वर्ष एक न्यू थीम का प्रयोग किया जाता है अर्थात किसी भी एक राज्य को थीम बनाकर उसकी परंपराओं, सामाजिक परिवेश, कला, संस्कृति को दर्शाया जाता है। यहां पर स्टॉल लगे हुए है, जो कि प्रत्येक क्षेत्र की कला से परिचित करवाते है। विदेश से भी अनेक लोग यहां घूमने के लिए आते है।

सूरजकुंड फरीदाबाद

इस मेले में कई राज्यों के प्रमुख खानपान और विदेशी व्यंजनों का स्वाद प्राप्त होता है तथा चौपाल व नाट्यशाला में लोक कलाकार अपना अभिनय प्रदर्शित करते है। रात में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। विदेशों की सांस्कृतिक मंडलियां भी अपना अभिनय दिखाती है।

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