Indonesia Palm Oil Export Ban
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने ताड़ के तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। उनका कहना है कि 28 अप्रैल से यह प्रतिबंध लागू होगा। जोको विडोडो के अगले नोटिस या आदेश आने तक यह प्रतिबंध जारी रहेगा।
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि खाद्य उत्पादों की उपलब्धता और बढ़ती महँगाई को नियंत्रित करने के लिए यह प्रतिबंध आवश्यक है। उनका यह भी कहना है कि वे इस कार्यरूप की परिणति पर नजर रखेगें तथा निरूपण भी करेंगें। वे चाहते है कि बाजारों में खाना पकाने के तेल की उपलब्धता प्रभूत हो और कीमतें सस्ती हो जाए।
इंडोनेशिया ताड़ के तेल (Palm Oil) का सबसे बड़ा निर्यातकर्त्ता देश है और द्वितीय स्थान पर मलेशिया देश ताड़ के तेल का निर्यातक है।
भारत में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा (The Threat of Rising Food Inflation in India)
भारत में महँगाई को लेकर लोग पहले से ही काफी तंग है और इंडोनेशिया के इस फैसले के कारण यह महँगाई ओर भी बढ़ सकती है। कहने का तात्पर्य यह है कि खाने के तेल पहले ही अपनी चरम सीमा पर है और अब यें ओर भी महँगे हो सकते है।
इस तेल पर प्रतिबंध लगने के बाद ज्यादा जोर सरसों तथा सोयाबीन के तेल पर आ जाएगा। रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण सरसों के तेल के भाव पहले ही आसमान छू रहे है और अब इस प्रतिबंध के कारण महंगाई और अधिक बढ़ने के आसार है।
पाम आयल के निर्यात पर पहले भी लगाया था प्रतिबंध (There was a Ban on the Export of Palm Oil even Earlier)
इंडोनेशिया ने इस साल की शुरुवात (जनवरी) में भी पाम तेल के निर्यात पर रोक लगाई थी, हालांकि बाद में इस बैन को मार्च के महीने में हटा लिया गया था। परन्तु इस बार जो रोक लगाई गई है, उसमें ये कहा गया है कि अगले आदेश तक यह बैन जारी रहेगा।
राष्ट्रपति (जोको विडोडो) ने प्रतिबंध का ऐलान करा ओर कहा कि मैं खुद इस प्रतिबंध की निगरानी करूंगा, जब तक कि देश में खाद्य तेल की पूर्ति पूर्ण हो जाये और इसकी कीमत भी न बढ़े।
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