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दशहरा

दशहरा (Dussehra) – इतिहास, महत्व, तिथि व शुभ मुहूर्त

Dussehra – History, Significance, Date and Auspicious Time

दशहरा (Dussehra) भारत के प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह भारत में एक राजपत्रित (Gazetted) अवकाश है, जोकि हर साल 9 दिवसीय त्यौहार नवरात्रि के दसवें दिन अर्थात समापन पर बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरे को विजयदशमी (Vijayadashami) के नाम से भी सम्बोधित किया जाता है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में भिन्न होता है। मुख्य रूप से भारत और नेपाल में यह त्यौहार बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है।

इतिहास (History)

रामायण (Ramayana) के अनुसार – जब भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास पर थे, उसी दौरान लंका के राजा रावण (Ravana) ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया। शुरुआत में भगवान राम ने रावण से अपनी पत्नी को रिहा करने का अनुरोध किया परन्तु रावण ने अहंकार के साथ इंकार कर दिया। इसके बाद भगवान राम ने युद्ध का ऐलान कर दिया और 10 सिर वाले राक्षस राजा दशानन (Dashanan) अर्थात रावण को मार दिया और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई।

दशहरा (Dussehra) उत्सव से जुड़ीं एक और कथा के अनुसार – महिषासुर नामक राक्षस ने भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया और उसने अनेक प्रकार की क्रूर गतिविधियाँ करनी शुरू कर दी। भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त करने के पश्चात कोई भी साधारण मनुष्य या देवता उसे मार नहीं सकता था। इसके बाद देवी दुर्गा ने ही महिषासुर नामक दानव से 9 दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका अंत कर दिया।

महत्त्व (Importance)

दशहरा या विजयादशमी एक बहुत महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जोकि पुरे भारत में बहुत ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भारत के अनेक राज्यों में बड़े पैमाने पर झाकियाँ और जुलूस निकाले जाते है, जिन्हे बाजारों इत्यादि में घुमाया जाता है तथा एक बहुत ही विशाल रावण के पुतले का निर्माण किया जाता है, जोकि किसी बड़े या खुले मैदान में आयोजित किया जाता है फिर विजयादशमी वाले दिन भगवान श्री राम का रूप धारण किए व्यक्ति द्वारा तीर मारकर उस रावण के पुतले को जलाया जाता है।

तिथि व शुभ मुहूर्त (Date and Auspicious Time)

द्रिक पंचांग के अनुसार, दशहरा (Dussehra) अब की बार 5 अक्टूबर, 2022 (बुधवार) को है तथा विजय मुहूर्त या पूजा मुहूर्त दोपहर में 02:07 से 02:54 तक है।

यदि दुर्गा विसर्जन (Durga Visarjan) की बात करें तो दुर्गा विसर्जन मुहूर्त सुबह 6:16 से 8:37 बजे तक रहेगा।

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