Forest and Wildlife
यह प्रकृति ही हमारे अस्तित्व की मुख्य नींव है। इनका नष्ट और विलुप्त होना हमारे लिए ख़तरनाक है। संरक्षण के द्वारा पेड़, पौधो, पक्षियों, जंगली जानवरों की प्रजातीयां को सुरक्षित रखा जा सकता है, जो हमारे इस पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी है।
वन्य जीव उन सभी पौधो, वृक्ष, जानवर और अन्य जीवो को कहा जाता हैं, जिन्हे मनुष्यों द्वारा पालतू नहीं बनाया गया हो। वन्य जीव दुनिया के सभी पर्यावरणों (वन, रेगिस्तान, घासभूमि, पर्वत, मैदान और शहरी क्षेत्र) में पाए जाते हैं।
वन्य जीव, जंगली जीव-जन्तुओ की वह श्रेणी है, जो मानवो के निवास करने वाले स्थानों से बहार वनों और पर्वतों में रहते हों। इनसे अलग बहुत से जंगली जीव (गिलहरिया, कबूतर और चमगादड़) वनों से बाहर शहरों में भी रहते हैं।
मनुष्यों ने अपने प्रयोग के लिए बहुत से जंगली जीवों को पालतू बनाया है। जिसका प्रभाव हमारे वातावरण पर पड़ा है। ज़्यादातर जंगली जीवों में पक्षियों, जानवरों और मछलियों को ही मान्यता दी जाती है। कीट-कीटाणु को वन्य जीवो में शामिल नहीं किया जाता।
कुछ प्रमुख वन्य जीव
सिंह, बाघ, तेंदुआ, हाथी, सियार, लोमड़ी, लक्कड़बग्घा, गीदड़, सांभर, जंगली कुत्ता, जंगली सूअर, जंगली बकरी, जिराफ, हिरण, बारहसिंघा, चीतल घोड़े, भालू , गेंडा, लंगूर, नीलगाय, साही, सांभर, खरगोश कुछ प्रमुख वन्य जीव हैं।
भारत के प्रमुख वन्य जीवअभ्यारण्य
भारत में 500 से अधिक वन्य जीव अभयारण्य हैं। कई अभयारण्य अपनी कुछ मुख्य प्राणियो की प्रजातियों के संरक्षण के कारण महत्वपूर्ण राष्ट्रीय महत्व भी रखते हैं। कुछ प्रमुख वन्यजीव अभ्यारण्यो के नाम निचे दिये गये है:-
पलामू (बतेला) अभ्यारण्य
दाल्मा वन्यजीव अभ्यारण्य
हजारीबाग वन्यजीव अभ्यारण्य
कैमूर वन्यजीव अभ्यारण्य
गिर राष्ट्रीय उद्यान
नल सरोवर पक्षी अभ्यारण्य
कार्बेट नेशनल पार्क
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान
डम्पा टाइगर रिजर्व
पेरियार वन्यजीव अभ्यारण्य
परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य
कुंभलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य
पेंच राष्ट्रीय उद्यान
तंसा अभ्यारण्य
अबोहर वन्यजीव अभ्यारण्य
पचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य
पखुई वन्यजीव अभ्यारण्य
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य
सोमेश्वरा वन्यजीव अभ्यारण्य
तुंगभद्रा वन्यजीव अभ्यारण्य
पखाल वन्यजीव अभ्यारण्य
कावल वन्यजीव अभ्यारण्य
मानस वन्यजीव अभ्यारण्य
विश्व वन्यजीव दिवस
अपने 68वें सत्र (20 दिसंबर 2013) में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनियाभर से विलुप्त हो रहे वन्य-जीवों और फल-फूलों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रतिबंधित किया था और 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था। पहला विश्व वन्यजीव दिवस 3 मार्च 2014 को मनाया गया था।
प्रत्येक वर्ष अलग-अलग विषयो के माध्यम से लोगों में वन्य जीवो के प्रति जागरूकता फैलाई जाती है। इस बार विश्व वन्यजीव दिवस 2022 ऑनलाइन आयोजित किया गया था।
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