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यमुनानगर समाचार: शराब ठेकों की नीलामी में फिर असफलता, बचे सात में से केवल 3 जोन ही बिक पाए

यमुनानगर। जिले में शराब ठेकों की नीलामी का सिलसिला जारी है, लेकिन सोमवार को हुई 15वीं बोली में भी सात में से केवल तीन जोन ही बिक सके। आबकारी विभाग द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस से इन जोनों की कीमतें कुछ अधिक लगी, लेकिन चार जोन के ठेके अभी भी खरीददारों के इंतजार में हैं।

नीलामी के मुख्य बिंदु:

  • शेष जोन: 7 (इसमें से केवल 3 बिके)
  • रिजर्व प्राइस: 26 करोड़ 10 लाख 63 हजार रुपये
  • बिक्री राशि: 27 करोड़ 13 लाख 27 हजार 999 रुपये (रिजर्व प्राइस से 1 करोड़ 2 लाख 64,999 रुपये अधिक)
  • नीलामी अधिकारी: एडीसी नवीन आहूजा व डीईटीसी आलोक पासी

कौन-से जोन बिके?

  1. जोन-27 (दुर्गा गार्डन-नानकपुरा)
    • रिजर्व प्राइस: 8 करोड़ 64 लाख 27 हजार रुपये
    • बिक्री राशि: 9 करोड़ 30 लाख 2,699 रुपये (65 लाख 99,999 रुपये अधिक)
  2. जोन-32 (मेन बाजार नंबर दो-पुराना रादौर रोड)
    • रिजर्व प्राइस: 8 करोड़ 39 लाख 16 हजार रुपये
    • बिक्री राशि: 8 करोड़ 61 लाख 80 हजार रुपये (22 लाख 64 हजार रुपये अधिक)
  3. जोन-43 (लक्कड़ मंडी-सहारनपुर रोड नंबर-एक)
    • रिजर्व प्राइस: 9 करोड़ 7 लाख 20 हजार रुपये
    • बिक्री राशि: 9 करोड़ 21 लाख 21 हजार रुपये (14 लाख 1,000 रुपये अधिक)

अगली नीलामी कब?

शेष बचे चार जोन की नीलामी 16 या 17 जुलाई को होने की संभावना है। चूंकि अब ज्यादा जोन नहीं बचे हैं, इसलिए शराब कारोबारियों के बीच इन्हें लेकर जोरदार प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है।

क्यों नहीं बिक पा रहे ठेके?

  • सुरक्षा चिंताएं: पिछले कुछ समय में शराब ठेकेदारों को धमकियां मिली हैं और कुछ जगहों पर फायरिंग की घटनाएं भी हुई हैं।
  • आर्थिक मंदी: कुछ व्यापारियों का मानना है कि मौजूदा आर्थिक हालात में शराब व्यवसाय से अपेक्षित मुनाफा नहीं मिल पाएगा।
  • नीतिगत अनिश्चितता: नई शराब नीति के बाद कारोबारियों को स्पष्टता का इंतजार है।

नीलामी का अब तक का सफर

🔹 31 मई : प्रदेश में पहली बार 55 जोन की एक साथ नीलामी कराई गई। परंतु मात्र 27 करोड़ रुपये में केवल 3 जोन ही बिक सके। इतनी कम नीलामी के चलते पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया।

🔹 02 जून : शराब ठेकों पर फायरिंग और ठेकेदारों को धमकी देने की घटनाएं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक पहुंचीं। मामला चंडीगढ़ तक तूल पकड़ गया।

🔹 04 जून : दूसरी बार फिर से नीलामी कराई गई, लेकिन इस बार भी 55 में से सिर्फ 10 जोन की ही नीलामी हो सकी।

🔹 10 जून : शराब के 45 जोन की फिर से नीलामी की गई, लेकिन एक भी ठेकेदार ने हिस्सा नहीं लिया।

🔹 12 जून : राज्य में नई शराब नीति लागू कर दी गई। नीलामी में असफलता के कारण 90 शराब ठेके सीलकर दिए गए।

🔹 13 जून : एक बार फिर नीलामी के लिए तारीख निर्धारित की गई, लेकिन स्थगित कर दी गई।

🔹 20 जून : फिर से नीलामी की गई, लेकिन किसी भी ठेकेदार ने बोली नहीं लगाई।

🔹 23 जून : एक और नीलामी का आयोजन हुआ, मगर कोई ठेकेदार शामिल नहीं हुआ।

🔹 27 जून : हालातों में कुछ सुधार देखा गया और इस नीलामी में 6 जोन के 12 ठेके बिक सके।

🔹 01 जुलाई : एक बार फिर 6 जोन के 12 ठेके नीलामी में बिके।

🔹 03 जुलाई : इस नीलामी में 5 जोन के 10 ठेके सफलतापूर्वक नीलाम हुए।

🔹 07 जुलाई : स्थिति में और सुधार हुआ, 8 जोन के 16 ठेके बिके।

🔹 09 जुलाई : 15 जोन की नीलामी में से सिर्फ 4 जोन के 8 ठेके बिके।

🔹 11 जुलाई : 11 जोन में से फिर से केवल 4 जोन के 8 ठेके ही बिक सके।

क्या कहते हैं अधिकारी?

डीईटीसी आलोक पासी के अनुसार, “शेष जोनों की नीलामी जल्द होगी। कारोबारियों को भरोसा है कि सरकार उन्हें सुरक्षित माहौल प्रदान करेगी।”


निष्कर्ष:

यमुनानगर में शराब ठेकों की नीलामी का सिलसिला अभी भी पूरा नहीं हुआ है। जबकि कुछ जोन अच्छी कीमत पर बिके हैं, कई अभी भी खरीददारों की तलाश में हैं। अगली नीलामी में इनके बिकने की उम्मीद है, लेकिन सुरक्षा और आर्थिक स्थितियां प्रमुख चुनौतियां बनी हुई हैं।

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