थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसक टकराव तेज हो गया है, जिसमें अब तक कम से कम 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 14 से अधिक घायल हैं। दोनों देशों के सैनिकों के बीच गुरुवार सुबह से भारी गोलीबारी और तोपखाने का इस्तेमाल हो रहा है, जिसमें प्रत्येक पक्ष ने दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया है।
झड़पों का कारण क्या है?
इस हिंसा की शुरुआत बुधवार को सीमा के पास हुए एक लैंडमाइन विस्फोट से हुई, जिसमें एक थाई सैनिक घायल हो गया था। इस घटना के बाद थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया।
कैसे शुरू हुई गोलीबारी?
गुरुवार सुबह, थाईलैंड के अनुसार, कंबोडियाई सैनिकों ने सीमा पर एक विवादित हिंदू मंदिर (प्रीह विहियर मंदिर) के पास गश्त शुरू कर दी और कथित तौर पर थाई चौकियों पर गोलियां चलाईं। वहीं, कंबोडिया का दावा है कि थाई सैनिकों ने पहले उनकी सीमा में घुसपैठ की और फायरिंग शुरू कर दी।
दोनों पक्षों के बीच भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिसमें रॉकेट लॉन्चर और हवाई हमले भी शामिल हैं। कंबोडिया ने थाईलैंड पर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है, जबकि थाईलैंड ने कहा है कि उसने केवल सैन्य ठिकानों पर ही प्रहार किए हैं।
दोनों देशों की प्रतिक्रिया
- कंबोडिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है और थाईलैंड पर “अत्यधिक बल प्रयोग” का आरोप लगाया है।
- थाईलैंड ने कहा है कि वह “रक्षात्मक कार्रवाई” कर रहा है और कंबोडिया से बातचीत का रास्ता अपनाने का आग्रह किया है।
- चीन ने दोनों पड़ोसी देशों से शांति बनाए रखने और वार्ता के जरिए समाधान निकालने की अपील की है।
लंबे समय से चला आ रहा विवाद
यह विवाद दशकों पुराना है और मुख्य रूप से प्रीह विहियर मंदिर के आसपास के इलाके को लेकर है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी का एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस पर कंबोडिया का अधिकार माना था, लेकिन आसपास की जमीन को लेकर विवाद बना हुआ है।
पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था। मई में हुई एक झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी थी।
क्या यह युद्ध में बदल सकता है?
विश्लेषकों का मानना है कि यह टकराव पूर्ण युद्ध का रूप नहीं लेगा, लेकिन दोनों देशों के नेतृत्व में तनाव कम करने की इच्छाशक्ति कम दिख रही है। आसियान (ASEAN) के अन्य सदस्य देशों से अपेक्षा की जा रही है कि वे मध्यस्थता करके इस संघर्ष को शांत करने में मदद करें।
निष्कर्ष
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह संघर्ष न केवल सैन्य बल्कि राजनयिक चुनौती भी पेश कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से शांति प्रयास जारी हैं, लेकिन स्थिति अभी नाज़क बनी हुई है। अगर तुरंत कूटनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
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