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ट्रंप और यूरोपीय संघ ने ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा की, शुल्क युद्ध टला

27 जुलाई 2025 को, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) ने एक व्यापार समझौते पर सहमति जताई, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता” बताया। यह समझौता स्कॉटलैंड के टर्नबेरी में ट्रंप और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच एक घंटे की चर्चा के बाद हुआ। यह समझौता ट्रांसअटलांटिक व्यापार युद्ध को टालने के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि अमेरिका ने 1 अगस्त 2025 से 30% टैरिफ लागू करने की धमकी दी थी। नीचे इस समझौते के प्रमुख पहलुओं, इसके प्रभावों, और भारत के लिए इसके निहितार्थों का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है।

समझौते के प्रमुख बिंदु

विवरणजानकारी
समझौता तिथि27 जुलाई 2025
ईयू सामानों पर टैरिफ15% (अधिकतम टैरिफ, जिसमें कार, सेमीकंडक्टर, दवाइयां शामिल हैं; कारों पर पहले 27.5%)
शून्य-शून्य टैरिफ उत्पादविमान, उनके घटक, कुछ रासायनिक पदार्थ, जेनेरिक दवाइयां, सेमीकंडक्टर उपकरण, कुछ कृषि उत्पाद, प्राकृतिक संसाधन, महत्वपूर्ण खनिज
यूरोपीय इस्पात और एल्यूमीनियम पर टैरिफ50% (बाद में कम होगा, कोटा प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित)
अमेरिकी एलएनजी की खरीद$250 अरब/वर्ष, 3 वर्षों के लिए, कुल $750 अरब
अमेरिकी परमाणु ईंधन और सैन्य उपकरण की खरीदसमझौते में शामिल
अमेरिका में यूरोपीय निवेश$600 अरब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में

टैरिफ संरचना

समझौते के तहत, ईयू से अमेरिका में आयातित अधिकांश सामानों पर 15% टैरिफ लागू होगा। यह दर कारों (पहले 27.5%), सेमीकंडक्टर, और दवाइयों पर लागू होती है। हालांकि, कुछ उत्पादों जैसे विमान, उनके घटक, कुछ रासायनिक पदार्थ, जेनेरिक दवाइयां, सेमीकंडक्टर उपकरण, कुछ कृषि उत्पाद, प्राकृतिक संसाधन, और महत्वपूर्ण खनिजों पर शून्य टैरिफ लागू होगा। यूरोपीय इस्पात और एल्यूमीनियम पर 50% टैरिफ लगाया जाएगा, जिसे बाद में कम करके कोटा प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।

ईयू की प्रतिबद्धताएं

  • ऊर्जा खरीद: ईयू ने अमेरिका से $750 अरब की ऊर्जा खरीदने का वादा किया है, जिसमें $250 अरब प्रति वर्ष तीन वर्षों के लिए लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) शामिल है। यह रूसी गैस को प्रतिस्थापित करने के लिए है, लेकिन इससे ईयू की ऊर्जा निर्भरता अमेरिका पर बढ़ सकती है।
  • निवेश: ईयू ने ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका में $600 अरब का निवेश करने का वादा किया है। इससे ईयू के सदस्य देशों या अन्य क्षेत्रों के लिए पूंजी की कमी हो सकती है।
  • सैन्य और परमाणु ईंधन: ईयू अमेरिका से सैन्य उपकरण और परमाणु ईंधन भी खरीदेगा, जिससे उनकी रक्षा और ऊर्जा नीतियों पर अमेरिका का प्रभाव बढ़ सकता है।

ईयू के लिए प्रभाव

यह समझौता ईयू के लिए मिश्रित परिणाम लाता है। 15% टैरिफ दर 30% की धमकी से कम है, लेकिन यह अभी भी ईयू के लिए अनुकूल नहीं है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यह दर, विशेष रूप से कारों के लिए, सबसे अच्छा संभव समझौता था। हालांकि, यह ईयू की कंपनियों, विशेष रूप से फ्रांसीसी सौंदर्य प्रसाधन उद्योग जैसे लोरियल और एलवीएमएच, के लिए लागत बढ़ाएगा, जिससे 5,000 नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

ट्रंप ने यूरोपीय दवाइयों पर 200% टैरिफ की धमकी दी थी, और हालांकि अंतिम समझौते स्पष्ट नहीं हैं, यह संकेत दिया गया है कि ईयू ने कुछ रियायतें दी हैं, क्योंकि अमेरिका अभी भी यूरोप से “बहुत सारी” दवाइयां आयात करेगा।

भारत के लिए सबक

इस समझौते से भारत के लिए कई महत्वपूर्ण सबक मिलते हैं, विशेष रूप से वैश्विक व्यापार में बढ़ते संरक्षणवाद के संदर्भ में:

  1. निर्यात रणनीतियों का समायोजन: भारत को अपनी निर्यात रणनीतियों को वैश्विक संरक्षणवाद के अनुरूप समायोजित करना होगा। बढ़ते टैरिफ और व्यापार बाधाएं भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतियां पैदा कर सकती हैं।
  2. आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण: भारत को प्रमुख बाजारों, जैसे अमेरिका और ईयू, पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को विविध करना चाहिए।
  3. मुक्त व्यापार समझौते (FTAs): भारत को अपने प्रमुख व्यापारिक भागीदारों के साथ FTAs को तेजी से अंतिम रूप देना चाहिए ताकि बाजार पहुंच सुनिश्चित हो।
  4. आत्मनिर्भरता: “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है ताकि बाहरी व्यापार झटकों का सामना किया जा सके।

निष्कर्ष

यह समझौता अमेरिका के लिए एक बड़ी जीत है, क्योंकि यह न केवल टैरिफ के माध्यम से राजस्व बढ़ाता है, बल्कि ईयू को अमेरिकी ऊर्जा, सैन्य उपकरण, और निवेश के लिए प्रतिबद्ध करता है। हालांकि, ईयू के लिए, यह समझौता दबाव में किया गया एक समझौता है, जो उनकी आर्थिक स्वायत्तता को सीमित कर सकता है। भारत के लिए, यह समझौता वैश्विक व्यापार में बदलते परिदृश्य को दर्शाता है, और इसे अपनी रणनीतियों को समायोजित करने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए।

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