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बाराबंकी की महिला कॉन्स्टेबल की हत्या ने खोली पुलिस सिस्टम की पोल!

बाराबंकी, उत्तर प्रदेश। जिले के मसौली क्षेत्र में एक भयावह घटना ने पुलिस विभाग और आम जनता को हिलाकर रख दिया है। सुबेहा थाने में तैनात 27 वर्षीय महिला सिपाही विमलेश पाल का सड़ा-गला शव 30 जुलाई को बिंदौरा गांव के पास एक तालाब के किनारे झाड़ियों में मिला। चेहरा जला दिया गया था और सिर पर गंभीर चोटों के निशान थे, जो साफ इशारा करते हैं कि यह एक निर्मम हत्या है। पीड़िता पिछले तीन दिनों से लापता थीं।

क्या हुआ था?

विमलेश पाल, जो मूल रूप से सुल्तानपुर की रहने वाली थीं, 27 जुलाई को बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में ड्यूटी पर जाने के लिए निकलीं, लेकिन वहां कभी नहीं पहुंचीं। तीन दिन बाद, 30 जुलाई को उनका शव सड़क से सटे एक सुनसान इलाके में मिला। शव की हालत चौंकाने वाली थी:

  • चेहरा जानबूझकर जला दिया गया था (शायद पहचान छुपाने के लिए)।
  • सिर पर गहरे घावों के निशान।
  • शव अत्यधिक सड़ चुका था, आंखें पक्षियों द्वारा नष्ट कर दी गई थीं।
  • घटनास्थल पर उनकी स्कूटी और मोबाइल फोन भी मिले।

संदिग्ध कौन है?

सबसे डरावना पहलू यह है कि मुख्य संदिग्ध साथी सिपाही इंद्रेश मौर्य है, जो फिलहाल फरार है। दोनों के बीच पहले से ही विवादित रिश्ते थे:

  • 2024 में विमलेश ने इंद्रेश पर दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी का केस दर्ज कराया था।
  • बाद में दबाव या समझौते के तहत उन्होंने केस वापस ले लिया।
  • दोनों ने कोर्ट मैरिज की थी, लेकिन रिश्ते तनावपूर्ण रहे।
  • घटना के समय इंद्रेश छुट्टी पर था और अब पुलिस की तलाश में है।

पुलिस की कार्रवाई

  • घटनास्थल को सील कर फॉरेंसिक जांच शुरू की गई।
  • शव का पोस्टमॉर्टम किया गया, रिपोर्ट का इंतजार है।
  • आईजी अयोध्या और एसपी बाराबंकी ने मौका मुआयना किया।
  • संदिग्ध की तलाश के लिए कई टीमें लगाई गई हैं।
  • जांच के दो कोण—हत्या और आत्महत्या—देखे जा रहे हैं, हालांकि सबूत हत्या की ओर इशारा करते हैं।

सोशल मीडिया पर तूफान

इस घटना ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी है। यूजर्स सवाल उठा रहे हैं:

  • “पुलिस विभाग अपनी महिला कर्मियों की सुरक्षा क्यों नहीं कर पा रहा?”
  • “जिसने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था, क्या उसी के साथी ने उसे मार डाला?”
  • “क्या विभाग के भीतर ऐसे संदिग्धों पर नजर नहीं रखी जाती?”

अहम सवाल और सच्चाई

यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि महिला सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था की चिंताजनक तस्वीर पेश करता है:

  1. सिस्टम की विफलता: पहले दर्ज यौन उत्पीड़न के बावजूद इंद्रेश पर कड़ी निगरानी क्यों नहीं थी?
  2. महिला कर्मियों की सुरक्षा: जो खुद कानून का पालन कराती हैं, उन्हें ही विभाग के भीतर खतरा क्यों झेलना पड़ा?
  3. न्याय में देरी: क्या पीड़िता को न्याय मिल पाएगा, या यह केस भी फाइलों में दब जाएगा?

जानिए पूरा कंटेक्स्ट

पैरामीटरविवरण
पीड़िताविमलेश पाल (आयु: 26-28 वर्ष)
थानासुबेहा, बाराबंकी (मूल निवास: सुल्तानपुर)
लापता तिथि27 जुलाई 2025 (मंदिर ड्यूटी पर जाते समय)
शव मिलने की तिथि30 जुलाई 2025
स्थानबिंदौरा गांव, मसौली (हाईवे के पास तालाब की झाड़ियों में)
शव की हालतचेहरा जला हुआ, सिर पर गंभीर चोट, सड़न
संदिग्धइंद्रेश मौर्य (साथी सिपाही, फरार, पूर्व में यौन उत्पीड़न का आरोपी)
पुलिस कार्रवाईघटनास्थल सील, पोस्टमॉर्टम, संदिग्ध की तलाश, हत्या की दिशा में जांच

अब क्या?

जब तक इंद्रेश मौर्य गिरफ्तार नहीं होता और उससे पूछताछ नहीं होती, तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकती। पुलिस को न सिर्फ त्वरित कार्रवाई करनी होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामले भविष्य में दोहराए न जाएं। विमलेश पाल की निर्मम हत्या सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि हमारे सिस्टम की कड़वी सच्चाई है।

“सवाल यह नहीं कि हत्या किसने की, सवाल यह है कि उसे रोका क्यों नहीं गया?”

#JusticeForVimleshPal | #BarabankiPolice | #UPPolice

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