नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और किसानों के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के नेता होने के बावजूद उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा।
“लोकतंत्र को दबाया जा रहा है” – राहुल गांधी
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार लोकतंत्र को दबाने की कोशिश कर रही है। रक्षा मंत्री और अन्य मंत्रियों को बोलने की अनुमति दी जाती है, लेकिन विपक्ष के नेताओं को चुप कराया जा रहा है। मैं विपक्ष का नेता हूं, संसद में बोलना मेरा अधिकार है, लेकिन सरकार हमें रोक रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि “प्रधानमंत्री सदन से बाहर चले गए हैं। अगर वे चाहते तो चर्चा हो सकती थी, लेकिन सरकार का रवैया साफ है – वे विपक्ष की आवाज़ दबाना चाहते हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर और किसान आंदोलन पर ज़ोर
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर (भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक) और हाल ही में तेज हुए किसान आंदोलन पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस, टीएमसी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने तख्तियां लहराकर सरकार पर दबाव बनाया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि “प्रश्नकाल के बाद सभी मुद्दों पर चर्चा की अनुमति दी जाएगी, लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए। नारेबाजी और तख्तियां दिखाने से सदन का कामकाज प्रभावित होता है।”
सरकार का रुख – “विपक्ष अनुशासनहीनता दिखा रहा”
सरकार की ओर से पक्ष ने विपक्ष पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “विपक्ष सदन में अराजकता फैलाना चाहता है। हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें नियमों का पालन करना होगा।”
आगे क्या?
मानसून सत्र के पहले दिन ही तनावपूर्ण माहौल बन गया है। विपक्ष ने संसद के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को घेरने की कोशिश की है, जबकि सत्ता पक्ष ने उन पर संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। अगले कुछ दिनों में संसद में गरमागरम बहस होने की उम्मीद है।
– संसदीय संवाददाता
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