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ऑपरेशन अखल: कुलगाम के घने जंगलों में जारी है सुरक्षा बलों का अभियान, दो जवान शहीद

कुलगाम, दक्षिण कश्मीर। (9 अगस्त, 2025) कश्मीर घाटी के कुलगाम जिले के अखल वन क्षेत्र में ऑपरेशन अखल नाम का एक व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। यह ऑपरेशन 1 अगस्त को शुरू हुआ था, जब खुफिया सूचनाओं के आधार पर यहां आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी का पता चला। यह हाल के दिनों में घाटी के सबसे लंबे चलने वाले सैन्य अभियानों में से एक बन गया है।

अभियान का स्वरूप:

  • संयुक्त ताकत: यह भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का संयुक्त अभियान है।
  • चुनौतीपूर्ण इलाका: ऑपरेशन कुलगाम शहर से लगभग 13 किमी दूर, घने जंगलों वाले दुर्गम इलाके में चल रहा है, जहां करीब 2,000 निवासियों का एक गांव भी स्थित है।
  • तकनीक का उपयोग: सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को ट्रैक करने और निष्क्रिय करने के लिए पैरा कमांडो, अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियों, ड्रोन और क्वाडकॉप्टर जैसे उन्नत निगरानी उपकरणों को तैनात किया है।

मुख्य घटनाक्रम और हताहत:

  1. सुरक्षा बलों की ओर से (शहादत):
    • 8-9 अगस्त की रात भारी गोलाबारी के दौरान दो भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए।
    • शहीदों के नाम: लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह
    • सेना की चिनार कॉर्प्स ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कर्तव्य पथ पर उनकी वीरता और बलिदान को सलाम किया।
    • इस ऑपरेशन में कम से कम दो अन्य जवान घायल हुए हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार शुरुआत से अब तक कुल 10 जवान घायल हो सकते हैं, हालांकि यह आंकड़ा विभिन्न स्रोतों में अलग-अलग है।
  2. आतंकवादियों की ओर से:
    • आधिकारिक रिपोर्टों के मुताबिक अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं।
    • एक को 8 अगस्त की रात निष्क्रिय किया गया (पहचान अज्ञात), जबकि दूसरा ऑपरेशन के शुरुआती दिनों में ढेर हुआ।
    • कुछ अपडेट्स के अनुसार एक तीसरा आतंकवादी भी मारा गया, जिसमें 2 अगस्त को लश्कर-ए-तैयबा का हारिस नजीर डार शामिल है।
    • सुरक्षा बलों को आशंका है कि घेराबंदी वाले क्षेत्र में अभी भी कई आतंकवादी छिपे हो सकते हैं, जिसके कारण सतर्कता बरतते हुए खोजबीन जारी है।

अन्य अपडेट्स:

  • ऑपरेशन में रुक-रुक कर भारी गोलाबारी होती रही है। 9वें दिन की शुरुआत रात भर हुई गोलीबारी से हुई।
  • जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), नलिन प्रभात, ने 7 अगस्त को ऑपरेशन की प्रगति की समीक्षा करने के लिए मौके का दौरा किया।

अलग-अलग दृष्टिकोण और रिपोर्ट्स:

  • भारतीय मीडिया और आधिकारिक सूत्र ऑपरेशन की सफलता (आतंकवादियों के खात्मे) और सुरक्षा बलों की वीरता पर जोर दे रहे हैं।
  • हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ स्थानीय और प्रो-कश्मीरी आवाजें भारतीय पक्ष पर अधिक हताहतों (कुछ रिपोर्ट्स में 9 जवानों के शहीद होने और कई के गंभीर रूप से घायल होने) का दावा कर रही हैं। ये दावे आधिकारिक चैनलों द्वारा अभी तक पुष्टि नहीं किए गए हैं।
  • एक आरोप यह भी लगाया गया है कि इस ऑपरेशन में सिख सैनिकों को जानबूझकर “बंदूक की नोक पर” (कैनन फोडर) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ये दृष्टिकोण इस क्षेत्र में व्याप्त तनावों को दर्शाते हैं, जहां राज्य समर्थित मीडिया और अलगाववादी या स्थानीय नजरियों के बीच अक्सर मतभेद रहते हैं, जो राजनीतिक पूर्वाग्रहों से प्रभावित हो सकते हैं।

वर्तमान स्थिति:

अभियान अभी जारी है और सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर रखा है। क्षेत्र को पूरी तरह साफ करने के प्रयासों के चलते अभियान के समाप्त होने की कोई पुष्टि नहीं है। यह घटना जम्मू-कश्मीर में होने वाली सैन्य मुठभेड़ों की एक श्रृंखला का हिस्सा है, जो इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों की निरंतरता को रेखांकित करती है।

जय हिन्द! शहीदों को कोटि-कोटि नमन।

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