इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े एक फारसी भाषा के एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई पर चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। इस अकाउंट के अनुसार, खामेनेई नशे की लत के शिकार हैं और अपना अधिकांश समय या तो सोकर या नशे की हालत में बिताते हैं।
क्या कहा गया दावों में?
9 जुलाई, 2025 को इस अकाउंट ने एक पोस्ट में सवाल उठाया,
“कोई नेता देश का नेतृत्व कैसे कर सकता है, जब वह आधा दिन सोता है और आधा नशे में रहता है?”
एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाया गया कि खामेनेई की “नशे की लत और आत्माओं से बातचीत जैसी आदतें नेतृत्व के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं हैं।”
क्या यह अकाउंट वास्तव में मोसाद से जुड़ा है?
हालाँकि, इस अकाउंट की आधिकारिक पुष्टि इजरायली खुफिया एजेंसी ने नहीं की है। इसे एक “प्रीमियम सब्सक्रिप्शन वाला अनौपचारिक अकाउंट” माना जा रहा है। यह अकाउंट पिछले कुछ समय से ईरान में बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, बिजली और शिक्षा की कमी को भी उजागर करता रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह इजरायल की ओर से “साइकोलॉजिकल वारफेयर” या प्रचार का हिस्सा हो सकता है।
ईरान की प्रतिक्रिया क्या है?
अब तक ईरानी अधिकारियों ने इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। हाल के हवाई हमलों और परमाणु सुविधाओं पर इजरायली कार्रवाइयों ने दोनों देशों के बीच की स्थिति को और अधिक विस्फोटक बना दिया है।
क्या इन आरोपों में कोई सच्चाई है?
ऐसे आरोप अक्सर “इनफॉर्मेशन वारफेयर” का हिस्सा होते हैं, जिनका उद्देश्य विरोधी देश के नेतृत्व को बदनाम करना होता है। बिना ठोस सबूतों के इन दावों को गंभीरता से लेना उचित नहीं होगा। हालाँकि, अगर इनमें कोई सच्चाई है, तो यह ईरानी शासन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि आधुनिक युग में “साइबर वारफेयर” और “प्रोपेगेंडा” किस तरह से अंतरराष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर रहा है। जब तक ईरानी सरकार या स्वयं खामेनेई इन आरोपों का खंडन नहीं करते, तब तक इस विवाद पर सतर्कतापूर्वक विचार करना ही उचित होगा।
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