नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025: एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने 12 जून को हुए भीषण विमान हादसे (AI-171) को लेकर उठ रही अटकलों और मीडिया स्पेकुलेशन्स को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि प्रारंभिक जांच में विमान या उसके इंजन में कोई तकनीकी खराबी या रखरखाव संबंधी लापरवाही नहीं पाई गई है।
प्रारंभिक रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार:
- विमान के इंजन या सिस्टम में कोई मैकेनिकल खराबी नहीं थी।
- सभी अनिवार्य मेन्टेनेंस प्रोसेस पूरे किए गए थे।
- ईंधन की क्वालिटी और टेक-ऑफ प्रक्रिया सामान्य थी।
- पायलट्स ने प्री-फ्लाइट मेडिकल और ब्रेथलाइजर टेस्ट पास किया था।
- विमान के फ्यूल स्विच बंद पाए गए, लेकिन तोड़फोड़ या बर्ड हिट का कोई सबूत नहीं मिला।
क्या हुआ था हादसे में?
12 जून को मुंबई से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान ने टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त होकर आवासीय इलाके में गिर गया था। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स के अलावा जमीन पर मौजूद 30 लोगों की मौत हो गई थी। यह भारत के इतिहास के सबसे भीषण विमान हादसों में से एक है।
“समय से पहले निष्कर्ष न निकालें” – सीईओ का अपील
विल्सन ने कर्मचारियों को भेजे एक इंटरनल कम्यूनिकेशन में कहा कि अभी जांच जारी है और अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी भी तरह के निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा,
“हमें उन मूल्यों पर कायम रहना है जिन्होंने एयर इंडिया को पिछले तीन सालों में नया रूप दिया है – ईमानदारी, एक्सीलेंस, कस्टमर फोकस और टीमवर्क।”
फ्लीट की सेफ्टी पर भरोसा दोहराया
सीईओ ने यह भी बताया कि हादसे के बाद एयर इंडिया की सभी बोइंग 787 विमानों की जांच की गई और सभी सेवा के लिए पूरी तरह सुरक्षित पाए गए।
अगला कदम?
केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक है और पूरी तरह से स्पष्ट होने में अभी समय लगेगा। AAIB की टीम अभी भी डेटा और ब्लैक बॉक्स की जांच कर रही है।
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