1 अगस्त, 2025: नमस्कार पाठकों! आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए खासा मुश्किल भरा रहा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए, जिससे निवेशकों के चेहरों पर चिंता की रेखाएं साफ़ देखी जा सकती थीं। आइए, विस्तार से समझते हैं आज के बाजार का हाल:
📉 बाजार का मिजाज: संख्याओं में झलकती मंदी
- सेंसेक्स: 80,602.55 अंक पर बंद हुआ, जो 583.03 अंकों (0.72%) की भारी गिरावट दर्शाता है।
- निफ्टी 50: 24,561.50 के स्तर पर रुका, जो 206.85 अंकों (0.84%) की गिरावट के बराबर है।
- वोलेटिलिटी बढ़ी: भय का सूचकांक इंडिया VIX 2% चढ़कर 11.77 पर पहुँच गया, जो बाजार की बढ़ी हुई अनिश्चितता को दिखाता है।
🛑 गिरावट के प्रमुख कारण: ट्रम्प की चौंकाने वाली चाल!
- अमेरिकी टैरिफ का भूत: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित 25% के ‘पारस्परिक शुल्क’ (Reciprocal Tariff) का भारतीय बाजार पर जबरदस्त असर पड़ा। यह शुल्क 7 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा।
- भारत के $85 अरब के अमेरिकी निर्यात में से लगभग $40 अरब इसकी चपेट में!
- फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को छूट मिली, लेकिन डेयरी और कृषि उत्पादों पर तनाव बरकरार।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली (FII Selling): विदेशी संस्थागत निवेशकों ने केवल गुरुवार को ही ₹5,588.91 करोड़ के शेयर बेचे। यह लगातार जारी बिकवाली बाजार के मूड को खराब कर रही है।
- वैश्विक बाजारों में सुस्ती: एशियाई बाजार (दक्षिण कोरिया, जापान, चीन, हांगकांग) और वॉल स्ट्रीट की कमजोर बंदी ने भारतीय बाजार पर मंदी के बादल छोड़े।
💊 सेक्टर विशेष: किसको लगा सबसे ज्यादा झटका?
- फार्मा सेक्टर: सबसे बुरी मार!
- निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2.8% से अधिक की गिरावट।
- सन फार्मा 4% टूटा! कारण? ट्रम्प ने 17 दवा कंपनियों को दवा कीमतें 60 दिनों में कम करने का आदेश दिया + कंपनी का Q1 लाभ में 20% गिरावट।
- आईटी और मेटल सेक्टर: अमेरिकी टैरिफ की आशंका और वैश्विक मांग में कमी के चलते दबाव में रहे।
- टेक्सटाइल सेक्टर: बांग्लादेश पर अमेरिकी टैरिफ में कटौती से चिंता बढ़ी। गोकलदास एक्सपोर्ट और पर्ल ग्लोबल जैसी कंपनियों के शेयर 1.5% से अधिक फिसले।
⏰ दिन भर का सफर: शुरुआती तेजी, फिर मंदी की गहराई!
बाजार ने सुबह हरी शुरुआत की थी – सेंसेक्स 100+ अंक ऊपर, निफ्टी 24,750 पार। लेकिन, दिन भर में हालात बदतर होते गए। दोपहर तक (1:30 PM IST) सेंसेक्स 80,894.20 (-291) और निफ्टी 24,658.55 (-110) पर पहुँच चुका था। बाद में गिरावट और तेज हुई, निफ्टी ने पिछले सप्ताह के निचले स्तर (24,598) को भी तोड़ दिया!
🔮 आगे का रास्ता: सावधानी बरतने का समय!
वर्तमान संकेत बताते हैं कि बाजार पर अस्थिरता और दबाव बना रह सकता है।
- ट्रम्प के टैरिफ का असर: अगले कुछ दिनों में इसके व्यापक प्रभाव साफ होंगे। विशेषकर फार्मा और टेक्सटाइल क्षेत्रों पर नजर रखें।
- FII बिकवाली: अगर विदेशी निवेशक बिकवाली जारी रखते हैं, तो यह बाजार की रिकवरी में सबसे बड़ी बाधा बन सकती है।
- वैश्विक संकेत: अंतरराष्ट्रीय बाजारों, खासकर अमेरिकी बाजारों का रुख भारतीय बाजार को दिशा देगा।
📌 निष्कर्ष:
1 अगस्त, 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। अमेरिका के आकस्मिक टैरिफ निर्णय ने बाजार में हड़कंप मचा दिया, जिसकी आँच फार्मा और टेक्सटाइल जैसे निर्यात-आधारित क्षेत्रों में सबसे ज्यादा देखी गई। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजारों की कमजोरी ने इस आग में घी का काम किया।
ऐसे उतार-चढ़ाव भरे माहौल में निवेशकों को सतर्क रहने और अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की सलाह दी जाती है। बाजार में उतार-चढ़ाव तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन ठोस मूलभूत सिद्धांतों (Strong Fundamentals) वाली कंपनियों में निवेश हमेशा सुरक्षित बंधन की तरह काम करता है।
बने रहिए जागरूक, बने रहिए निवेशित!
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