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भारतीय वायुसेना को मिले 16 सी-295 विमान: रक्षा क्षमताओं में बड़ा बूस्ट, ‘मेक इन इंडिया’ की ओर कदम!

भारत की रक्षा ताकत में एक नया अध्याय जुड़ गया है! भारतीय वायुसेना (IAF) को स्पेन से 16 एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों की डिलीवरी मिल चुकी है। यह डिलीवरी न सिर्फ IAF की परिवहन क्षमताओं को मजबूत करेगी, बल्कि देश में सैन्य विमान निर्माण के ‘मेक इन इंडिया‘ सपने को भी साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

यह है पूरा खेल (सौदे का विवरण):

  • सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, स्पेन के साथ 56 सी-295 विमानों के लिए करीब 2.5 बिलियन डॉलर (लगभग 20,000 करोड़ रुपये) का मेगा डील किया था।
  • इस डील के तहत पहले 16 विमान सीधे स्पेन से तैयार अवस्था में (‘फ्लाई-अवे’) भेजे गए हैं।
  • बाकी के 40 विमान अब भारत में ही बनेंगे! इनका निर्माण गुजरात के वडोदरा स्थित ताता एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के विमान परिसर में होगा।
  • डिलीवरी समय से पहले! पहले चरण के 16 विमानों की डिलीवरी 2 अगस्त 2025 को पूरी हुई, जो निर्धारित समय से दो महीने पहले है। डिलीवरी समारोह में भारत के राजदूत डी.के. पाटनायक और वरिष्ठ IAF अधिकारी मौजूद थे।

सी-295: एक जबरदस्त और बहुमुखी विमान (विशेषताएं और उपयोग)

एयरबस सी-295 कोई आम विमान नहीं है। यह एक मजबूत, विश्वसनीय और बेहद बहुमुखी सैन्य परिवहन विमान है। देखिए इसकी खासियतें:

  • लोड क्षमता: 5 से 10 टन तक (लगभग 70 सैनिक या भारी सामान)
  • उड़ान सहनशीलता: लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
  • कई भूमिकाएं: सिर्फ सैनिकों और सामान को ढोने तक सीमित नहीं। यह इन कामों में भी माहिर है:
    • समुद्री गश्त और निगरानी
    • हवाई चेतावनी और टोही (AEW&C, ISR)
    • सिग्नल्स इंटेलिजेंस (SIGINT)
    • सशस्त्र हवाई सहायता (Gunship)
    • चिकित्सा निकासी (MEDEVAC)
    • वीआईपी परिवहन
    • हवाई अग्निशमन
  • पुराने विमानों की जगह: यह विमान IAF के पुराने हो चुके अवरो HS-748 बेड़े की जगह लेगा, जिससे रक्षा लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षमताएं काफी आधुनिक होंगी।

‘मेक इन इंडिया’ का जश्न: भारत में बनेंगे 40 विमान!

इस डील का सबसे रोमांचक हिस्सा यह है कि 40 सी-295 विमान भारत में बनाए जाएंगे। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है।

  • वडोदरा में निर्माण केंद्र: इन विमानों का निर्माण ताता एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स, वडोदरा, गुजरात में होगा।
  • पहली निजी FAL: यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए पहली निजी क्षेत्र की अंतिम असेंबली लाइन (Final Assembly Line – FAL) है।
  • उद्घाटन: इसका उद्घाटन अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने संयुक्त रूप से किया था।
  • सहयोगी: इस प्रोजेक्ट में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और कई निजी क्षेत्र के MSMEs भी शामिल हैं। इससे स्थानीय रक्षा उद्योग को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
  • पहला स्वदेशी सी-295: पहले भारतीय निर्मित सी-295 के सितंबर 2026 में रोल आउट होने की उम्मीद है। यह एक बड़ा मील का पत्थर होगा!

क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण? (प्रभाव और महत्व)

इन सी-295 विमानों का भारतीय वायुसेना और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा महत्व है:

  1. मजबूत परिवहन क्षमता: सैनिकों, हथियारों और उपकरणों को तेजी से और कुशलता से जरूरत की जगह पर पहुंचाने की क्षमता बढ़ेगी।
  2. बेहतर आपातकालीन प्रतिक्रिया: प्राकृतिक आपदाओं जैसी आपात स्थितियों में राहत सामग्री और टीमों को तेजी से भेजा जा सकेगा।
  3. आधुनिक तकनीक: विमान की उन्नत तकनीक और बहुमुखी क्षमताएं (जैसे निगरानी, चिकित्सा निकासी) मिशन की सफलता दर बढ़ाएंगी।
  4. रक्षा आत्मनिर्भरता (Self-Reliance): भारत में 40 विमानों का निर्माण देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
  5. तकनीकी हस्तांतरण और रोजगार: इस प्रोजेक्ट से भारतीय उद्योगों को उन्नत तकनीक मिलेगी और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

सी-295 डील: मुख्य बिंदु एक नजर में (तालिका का सरल रूप)

पैरामीटरविवरण
अनुबंध तिथिसितंबर 2021
कुल विमान56
डिलीवर विमान16 (स्पेन से, डिलीवरी 2 अगस्त 2025 को पूरी)
शेष विमान40 (भारत में ताता द्वारा निर्मित होने वाले)
डिलीवरी स्थलसेविल, स्पेन (पहले 16 के लिए)
निर्माण स्थलताता एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स, वडोदरा, गुजरात (बाकी 40 के लिए)
लोड क्षमता5-10 टन
उड़ान अवधि11 घंटे तक
मुख्य उद्देश्यपुराने अवरो विमानों को बदलना, IAF की परिवहन और बहुमुखी क्षमताएं बढ़ाना

निष्कर्ष:

स्पेन से 16 सी-295 विमानों की समय से पहले डिलीवरी और भारत में 40 विमानों के निर्माण की योजना, भारत की रक्षा तैयारियों के लिए दोहरी जीत है। यह न सिर्फ भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और शक्तिशाली परिवहन-निगरानी प्लेटफॉर्म देगा, बल्कि देश के रक्षा उद्योग को भी वैश्विक स्तर पर ले जाएगा। यह सौदा भारत की बढ़ती रक्षा क्षमताओं और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति गंभीरता का स्पष्ट संकेत है। आने वाले वर्षों में स्वदेशी रूप से निर्मित सी-295 का रोल आउट इस यात्रा का अगला गौरवशाली पड़ाव होगा।

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