भयावह आंकड़े: मौतें और कुपोषण
30 जुलाई, 2025 गाजा पट्टी में इजरायल-हमास युद्ध के परिणामस्वरूप 60,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 18,000 से अधिक बच्चे शामिल हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 145,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, और 1,000 से ज्यादा लोग सहायता लेने के दौरान इजरायली सेना की गोलीबारी में मारे गए हैं।
कुपोषण की स्थिति भी भयावह है:
- 20,000 से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं।
- 3,000 बच्चे इतने कमजोर हैं कि उनकी जान को खतरा है।
- 147 लोग सीधे भुखमरी के कारण मारे गए हैं, जिनमें 88 बच्चे शामिल हैं।
संकट के मुख्य कारण
- नाकाबंदी और सहायता रोक: मार्च 2025 से इजरायल ने गाजा में भोजन, दवा और ईंधन की आपूर्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मई से जुलाई तक केवल 1,600 ट्रक सहायता पहुँच पाई, जबकि प्रतिदिन 600 ट्रकों की आवश्यकता है।
- खाद्य संकट: बाजारों में खाद्य पदार्थों की कीमतें 30 गुना तक बढ़ गई हैं। लोग पशुओं का चारा, जड़ी-बूटियाँ और घास खाने को मजबूर हैं।
- स्वास्थ्य प्रणाली का पतन: 80% अस्पताल या तो नष्ट हो चुके हैं या आंशिक रूप से काम कर रहे हैं। डॉक्टरों के पिए दवाओं और उपकरणों की भारी कमी है।
संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी
- IPC (इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन) ने चेतावनी दी है कि गाजा में “अकाल जैसी स्थिति” पैदा हो चुकी है।
- यूनिसेफ और WHO ने बताया कि 5,000 से अधिक बच्चों को कुपोषण के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
- UNRWA के प्रमुख ने कहा, “गाजा के लोग न मरे हैं, न जीवित हैं—वे चलते-फिरते शव हैं।”
बच्चों पर दीर्घकालिक प्रभाव
- कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बाधित हो रहा है।
- दिमागी कमजोरी, हृदय रोग और प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
- डॉक्टरों का कहना है कि भले ही भोजन उपलब्ध हो जाए, इन बच्चों को जीवनभर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- यूके और फ्रांस ने हवाई मार्ग से सहायता पहुँचाना शुरू किया है।
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इजरायल से तत्काल युद्धविराम और सहायता प्रवाह की अनुमति देने की मांग की है।
- इजरायल सरकार का कहना है कि वह हमास के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
निष्कर्ष: एक मानव-निर्मित आपदा
गाजा में यह संकट किसी प्राकृतिक आपदा का परिणाम नहीं, बल्कि युद्ध और नाकाबंदी की वजह से पैदा हुई मानवीय त्रासदी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो हजारों और लोगों की जान जा सकती है।
आगे की कार्रवाई:
- संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल युद्धविराम और बिना रुकावट सहायता की मांग की है।
- मानवाधिकार संगठन इजरायल पर युद्ध अपराधों का आरोप लगा रहे हैं।
- विश्व समुदाय से अपील की जा रही है कि वह गाजा के लोगों की मदद के लिए आगे आए।
यह स्थिति न केवल गाजा, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक काला अध्याय है। तत्काल कार्रवाई ही इस त्रासदी को रोक सकती है।
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