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Heavy rains and floods wreaked havoc in Rajasthan, Madhya Pradesh and Delhi-NCR

भारी बारिश और बाढ़ ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली-NCR में मचाई तबाही

जयपुर/भोपाल/दिल्ली, 31 जुलाई 2025: देश के कई हिस्सों में मानसून की भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली-NCR में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें जलमग्न हैं, और कई शहरों में जनजीवन ठप हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

राजस्थान: बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किलें

राजस्थान के जयपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, दौसा, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, सीकर और टोंक जैसे दर्जनभर से अधिक जिलों में भारी बारिश ने बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। सवाई माधोपुर में एक रात में 230 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे घरों में 5 फीट तक पानी भर गया। चंबल, कालीसिंध, बनास और मेज जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बूंदी में मेज नदी के उफान ने निचले इलाकों को डुबो दिया है।

प्रशासन ने 18 जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ियां बंद कर दी हैं। SDRF और NDRF टीमें धौलपुर, करौली और टोंक में बचाव कार्य में जुटी हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ राहत के लिए टोल-फ्री नंबर 1070 और 1077 जारी किया है। IMD ने 31 जुलाई को जयपुर, अजमेर, बीकानेर और जोधपुर डिवीजन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, और 2 अगस्त से बारिश की तीव्रता कम होने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश: बाढ़ से 12 की मौत, 500 घर क्षतिग्रस्त

मध्य प्रदेश के गुना, शिवपुरी, ग्वालियर-चंबल, भोपाल और दमोह में भारी बारिश ने बाढ़ ला दी है। चंबल और सिंध नदियां उफान पर हैं, जिससे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। भोपाल में पिछले दो दिनों में बाढ़ से 12 लोगों की मौत हो चुकी है, और दमोह में 24 गांवों के 500 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। रायसेन में 3 फीट तक जलभराव ने घरेलू सामान को नुकसान पहुंचाया।

शिवपुरी में सेना की मदद मांगी गई है, और दो हेलीकॉप्टर फंसे लोगों को निकालने के लिए तैयार हैं। प्रशासन ने 91 गांवों में 64 राहत शिविर स्थापित किए हैं। IMD ने 14 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और 22 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें 2 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

दिल्ली-NCR: रातभर बारिश से जलभराव

दिल्ली-NCR में बुधवार रात से लगातार बारिश ने बदरपुर, लक्ष्मी नगर और मयूर विहार जैसे क्षेत्रों में जलभराव की समस्या पैदा की है। सड़कों पर पानी भरने से ट्रैफिक जाम रहा, और कई वाहन फंस गए। बारिश ने उमस भरी गर्मी से राहत दी, लेकिन जलभराव ने निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दीं। जुलाई में दिल्ली में 9% अधिक बारिश दर्ज की गई, जिसमें रिज में 340.4 मिमी बारिश 81% अधिक रही।

IMD ने 31 जुलाई को दिल्ली-NCR में भारी बारिश और गरज के साथ अलर्ट जारी किया है। 1 से 5 अगस्त तक और तीव्र बारिश की संभावना है। पड़ोसी हरियाणा के लिए भी रेड अलर्ट जारी है।

जलवायु परिवर्तन का असर?

राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों जैसे बाड़मेर, जोधपुर और जैसलमेर में बार-बार बाढ़ की घटनाएं जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करती हैं। 2020-2024 के बीच कई बाढ़ की घटनाएं दर्ज की गईं, और इस साल 13-16 जुलाई तक पूर्वी राजस्थान में 135% अतिरिक्त बारिश हुई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों में भी भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई है।

नागरिकों के लिए सलाह

  • प्रभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और IMD अलर्ट पर नजर रखें।
  • राजस्थान में सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 1070 या 1077 पर संपर्क करें।
  • दिल्ली-NCR और राजस्थान में यात्रा करने वाले लोग जलभराव और सड़क बंद होने के लिए तैयार रहें।

प्रशासन से अनुरोध है कि राहत कार्य तेज किए जाएं और जल निकासी व्यवस्था को बेहतर किया जाए। यह स्थिति मानसून की चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर आपदा प्रबंधन की जरूरत को दर्शाती है।

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