6 फरवरी, 2023 को तुर्की में आए 7.8 तीव्रता के भीषण भूकंप ने हज़ारों लोगों की जान ले ली और लाखों को बेघर कर दिया। इस आपदा के बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ—Google के Android Earthquake Alerts (AEA) सिस्टम ने लाखों लोगों को समय पर चेतावनी भेजने में विफल रहा!
आइए, जानते हैं कि क्या हुआ था, Google ने क्या कहा, और क्यों यह विफलता एक बड़ी चिंता का विषय है।
तुर्की भूकंप: एक भयावह त्रासदी
- तारीख: 6 फरवरी, 2023
- तीव्रता: 7.8 (पहला झटका), इसके बाद कई और झटके
- हताहत: 55,000+ मौतें, 1,00,000+ घायल
- Google AEA सिस्टम: 2021 से तुर्की में सक्रिय, जो स्मार्टफोन्स के जरिए भूकंप की पूर्व चेतावनी देने के लिए बनाया गया था।
Google का अलर्ट सिस्टम कैसे काम करता है?
Google का Android Earthquake Alerts (AEA) सिस्टम दुनिया के 98 देशों में काम करता है, खासकर उन जगहों पर जहाँ सरकारी भूकंप चेतावनी प्रणाली नहीं है। यह सिस्टम:
- “Be Aware” अलर्ट: हल्के झटकों के लिए (ज्यादा गंभीर नहीं)।
- “Take Action” अलर्ट: जानलेवा झटकों के लिए, जिसमें तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी जाती है।
क्या हुआ था तुर्की में? AEA सिस्टम फेल क्यों हुआ?
रिसर्च और रिपोर्ट्स के मुताबिक:
✅ अनुमानित अलर्ट: 1 करोड़ लोगों को “Take Action” अलर्ट मिलना चाहिए था (भूकंप के 98 किमी के दायरे में)।
❌ वास्तविक अलर्ट:
- पहला भूकंप: सिर्फ 469 लोगों को “Take Action” अलर्ट मिला!
- दूसरा भूकंप: 8,158 लोगों को “Take Action” और 4 लाख को “Be Aware” अलर्ट मिला।
बड़ी गलती: तीव्रता का गलत अनुमान
- Google का अनुमान: भूकंप की तीव्रता 4.5-4.9 MMS (Modified Mercalli Scale) पर।
- वास्तविक तीव्रता: 7.8 MMS (कहीं ज्यादा खतरनाक)।
इस गलती की वजह से लाखों लोगों को “Be Aware” (कम गंभीर) अलर्ट मिला, जबकि उन्हें “Take Action” (जान बचाने वाला) अलर्ट मिलना चाहिए था।
Google ने क्या कहा?
शुरुआत में, Google ने BBC को बताया कि उनका सिस्टम “अच्छा परफॉर्म” किया। लेकिन बाद में उन्होंने खामी स्वीकार कर ली और कहा:
- सिस्टम ने भूकंप की गंभीरता को पहचाना नहीं।
- अल्गोरिदम में सुधार किया गया है।
- अब यह सिस्टम सिर्फ एक सप्लीमेंट है, सरकारी चेतावनी प्रणाली की जगह नहीं।
विशेषज्ञों और जनता की प्रतिक्रिया
- एलिजाबेथ रेड्डी (Colorado School of Mines):
- “दो साल तक जानकारी छिपाना गलत था। लोगों ने इस तकनीक पर भरोसा किया, लेकिन यह फेल हो गई।”
- हैरोल्ड टोबिन (Pacific Northwest Seismic Network):
- “Google को और पारदर्शी होना चाहिए, खासकर जब यह जानलेवा मामलों में इस्तेमाल हो रहा है।”
सबक और भविष्य
- तकनीक पर पूरी तरह निर्भर न रहें—सरकारी चेतावनी प्रणाली और पारंपरिक तरीकों को भी अपनाएँ।
- Google ने सुधार किए, लेकिन 2023 की यह विफलता एक सबक है कि AI और टेक सिस्टम पूरी तरह भरोसेमंद नहीं होते।
निष्कर्ष
तुर्की भूकंप में Google का अलर्ट सिस्टम बुरी तरह फेल हुआ, जिसकी वजह से लाखों लोगों को समय पर चेतावनी नहीं मिली। हालाँकि Google ने बाद में सुधार किया, लेकिन जानलेवा तकनीक में पारदर्शिता और टेस्टिंग जरूरी है।
क्या आपको लगता है कि हमें टेक कंपनियों पर इतना भरोसा करना चाहिए?
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