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कांग्रेस और BJP के बीच जोरदार बहस: प्रियंका गांधी ने अमित शाह के आरोपों का दिया जवाब

29 जुलाई, 2025 – लोकसभा में आज “ऑपरेशन सिंदूर” पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान शाह ने सोनिया गांधी पर 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए आतंकवादियों के लिए आंसू बहाने का आरोप लगाया, जिसके जवाब में प्रियंका ने भावुक प्रतिक्रिया दी।

अमित शाह का आरोप: “सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए रोया”

गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बटला हाउस एनकाउंटर (19 सितंबर, 2008) में मारे गए इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादियों अतीफ अमीन और मोहम्मद साजिद के लिए सहानुभूति जताने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने उस ऑपरेशन में शहीद हुए दिल्ली पुलिस अधिकारी मोहन चंद शर्मा के बजाय आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए।

शाह ने 2012 में सलमान खुर्शीद के एक भाषण का हवाला दिया, जिसमें खुर्शीद ने कहा था कि सोनिया गांधी बटला हाउस एनकाउंटर पर रोई थीं। शाह ने दावा किया कि उनके पास यह भाषण सेव्ड है और वह इसे संसद में साझा कर सकते हैं।

प्रियंका गांधी का जवाब: “मेरी माँ के आंसू पिताजी की याद में थे”

प्रियंका गांधी ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा,
“मेरी माँ के आंसू आतंकवादियों के लिए नहीं, बल्कि उनके लिए थे जिन्होंने मेरे पिता (राजीव गांधी) को मार डाला।”

उन्होंने आगे कहा कि वह खुद अपनी माँ के दर्द को समझती हैं, क्योंकि उन्होंने आतंकवादियों द्वारा अपने पिता की हत्या के बाद सोनिया गांधी को रोते हुए देखा था। राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में एक चुनावी रैली के दौरान LTTE आतंकियों ने की थी।

BJP पर प्रियंका का हमला: “दुख को हथियार बनाते हैं, जिम्मेदारी नहीं लेते”

प्रियंका ने BJP सरकार पर “दुख को राजनीतिक हथियार बनाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सुरक्षा विफलताओं की जवाबदेही से बचती है। उन्होंने हालिया पहलगाम आतंकी हमले (3 जुलाई, 2025) का उदाहरण दिया, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी।

उनके प्रमुख सवाल:

  • पहलगाम के बैसरान वैली में सुरक्षा बल क्यों नहीं थे?
  • The Resistance Front (TRF) को 2019 में बनने के बाद 2023 तक आतंकी संगठन क्यों नहीं घोषित किया गया?

उन्होंने 26/11 मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इस्तीफा दिया था, लेकिन आज की सरकार सफलता का श्रेय लेती है और विफलता की जिम्मेदारी नहीं स्वीकारती।

संसद में हंगामा: “हिंदू-हिंदू” vs “इंडियन-इंडियन”

बहस के दौरान BJP सांसदों ने “हिंदू-हिंदू” के नारे लगाए, जबकि विपक्ष ने “इंडियन-इंडियन” का जवाब दिया। यह टकराव दर्शाता है कि देश में सुरक्षा और सांप्रदायिकता को लेकर राजनीति कितनी गर्माई हुई है।

निष्कर्ष

यह बहस सिर्फ बटला हाउस एनकाउंटर तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें वर्तमान सरकार की सुरक्षा नीतियों पर भी सवाल उठे। प्रियंका गांधी ने न सिर्फ अपने परिवार का बचाव किया, बल्कि BJP पर सुरक्षा ढांचे में लापरवाही का आरोप लगाया।

आपकी राय?
क्या आपको लगता है कि सुरक्षा मुद्दों पर राजनीति होनी चाहिए? या फिर सरकार और विपक्ष को मिलकर देशहित में काम करना चाहिए?

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