वाशिंगटन डीसी, 13 अगस्त 2025: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (11 अगस्त) को वाशिंगटन डीसी में एक “सार्वजनिक सुरक्षा आपातकाल” घोषित करते हुए, शहर की पुलिस को संघीय नियंत्रण में ले लिया और 800 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया। ट्रंप ने हिंसक गिरोहों, कारजैकिंग और बेघरता जैसे “बेकाबू अपराध” को इस कार्रवाई का कारण बताया।
क्या हुआ?
- आपातकाल की घोषणा: राष्ट्रपति ट्रंप ने डीसी होम रूल एक्ट की धारा 740 का हवाला देते हुए मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग (MPD) को अगले 30 दिनों के लिए सीधे संघीय नियंत्रण में रखा।
- नेशनल गार्ड की तैनाती: करीब 800 नेशनल गार्ड सैनिकों को डीसी में भेजा गया। पहली टुकड़ियाँ बुधवार (12 अगस्त) शाम नेशनल मॉल और अन्य प्रमुख इलाकों में दिखाई दीं।
- ट्रिगर घटना: ट्रंप ने 3 अगस्त को सरकारी कर्मचारी एडवर्ड कोरिस्टीन पर हुए कारजैकिंग के प्रयास को इस कार्रवाई की प्रमुख वजह बताया।
- नया नेतृत्व: अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी को पुलिस विभाग की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) के प्रमुख टेरी कोल अभिनय प्रमुख बनाए गए हैं।
नेशनल गार्ड की भूमिका:
- सैनिकों को यू.एस. कोड टाइटल 32 के तहत सक्रिय किया गया है।
- उनकी भूमिका सहायक है: लॉजिस्टिक्स, प्रशासनिक मदद और “दिखाई देने वाली मौजूदगी” से कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद करना।
- गिरफ्तारी का अधिकार नहीं: गार्ड के सदस्यों के पास गिरफ्तारी करने का अधिकार नहीं है।
- तैनाती विवरण: किसी भी समय शहर में 100-200 सैनिक गश्त करेंगे। उनका ध्यान संघीय संपत्तियों की सुरक्षा और अपराध रोकथाम पर होगा। मिशन 25 सितंबर तक चलेगा, जब तक कि हालात पहले सुधर न जाएं।
- पहली रात की कार्रवाई: तैनाती के पहले दिन (12 अगस्त) संघीय एजेंसियों ने शहर भर में 23 गिरफ्तारियां कीं।
स्थानीय नेताओं का तीखा विरोध:
- मेयर म्युरियल बाउजर: शुरू में उन्होंने कदम को “अभूतपूर्व और परेशान करने वाला” बताया, लेकिन सहयोग का वादा किया। हालांकि, 13 अगस्त को एक टाउन हॉल में उनका रुख कड़ा हो गया। उन्होंने नागरिकों से “हमारे शहर, हमारे स्वायत्तता, हमारे होम रूल की रक्षा करने” और इस “अधिनायकवादी कदम” के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।
- डीसी अटॉर्नी जनरल ब्रायन श्वाल्ब: उन्होंने कार्रवाई को “गैरकानूनी” और अनावश्यक ठहराते हुए कानूनी कार्रवाई की तैयारी की बात कही।
- डेमोक्रेटिक नेता: हाउस अल्पसंख्यक नेता हकीम जेफरीज़ और डीएनसी चेयरमैन केन मार्टिन सहित नेताओं ने इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित अतिक्रमण बताया। कईयों ने ट्रंप के पिछले कार्यकाल में विरोध प्रदर्शनों के दौरान संघीय बलों के इस्तेमाल के साथ समानताएं खींचीं।
- जनता का गुस्सा: “सैन्यीकृत कब्जे” के खिलाफ 29,000 से अधिक हस्ताक्षर जुट चुके हैं। कई निवासी व्यापक संघीय हस्तक्षेप के डर जता रहे हैं।
आंकड़े बताते हैं अलग कहानी: ट्रंप के दावे खोखले?
ट्रंप के “अराजक शहर” के दावों के विपरीत, डीसी पुलिस और जस्टिस डिपार्टमेंट के आधिकारिक आंकड़े एक अलग तस्वीर पेश करते हैं:
अपराध मैट्रिक | 2024 में बदलाव | 2025 वर्ष-दर-तारीख बदलाव (2024 की तुलना में) |
---|---|---|
समग्र हिंसक अपराध | -35% (30 साल का निचला स्तर) | -26% |
हत्या | गिरावट | दोहरे अंकों में गिरावट |
खतरनाक हथियार से हमला | गिरावट | दोहरे अंकों में गिरावट |
डकैती | गिरावट | दोहरे अंकों में गिरावट |
ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि डीसी में अपराध दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो कई अन्य बड़े शहरों के मुकाबले बेहतर या बराबर है। आलोचकों का मानना है कि आपातकाल की घोषणा राजनीतिक लाभ के लिए हालात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का प्रयास है।
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
यह तैनाती 6 जनवरी 2021 के बाद से डीसी में नेशनल गार्ड का सबसे बड़ा जुटाव है। यह कदम कई गंभीर सवाल खड़े करता है:
- क्या यह स्थानीय स्वशासन (होम रूल) पर अतिक्रमण है?
- क्या अपराध के वास्तविक आंकड़ों के बावजूद “आपातकाल” का औचित्व है?
- क्या इससे शहर में तनाव बढ़ेगा?
- क्या कोर्ट में इसकी कानूनी चुनौती होगी?
नज़र रखने वाले बिंदु: डीसी अटॉर्नी जनरल की संभावित कानूनी चुनौती, स्थानीय नेताओं और संघीय सरकार के बीच बढ़ता तनाव, नेशनल गार्ड की गतिविधियों पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया, और 25 सितंबर से पहले स्थिति में कोई बदलाव।
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