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अमेरिकी वीज़ा नियमों में भूचाल: भारतीय छात्रों के सपनों पर मंडराया संकट!

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने F-1/J-1 वीजा धारकों के लिए “ड्यूरेशन ऑफ स्टेटस” (पढ़ाई तक असीमित रहने की अनुमति) को खत्म कर फिक्स्ड-टर्म वीजा प्रस्तावित किया है। यानी अब छात्रों को कोर्स के बीच में ही वीजा रिन्यू करवाना पड़ सकता है!


क्यों है ये चिंताजनक?

✅ वर्तमान नियम: कोर्स चलने तक बिना रिन्यूअल के रह सकते हैं।
❌ प्रस्तावित नियम: एक निश्चित अवधि (जैसे 2/4 साल) के बाद मिड-कोर्स वीजा रिन्यूअल अनिवार्य होगा, भले ही आपकी पढ़ाई पूरी न हुई हो!


4.2 लाख भारतीय छात्रों पर गहरा असर:

  1. लंबे कोर्स वाले सबसे ज्यादा प्रभावित:
    • एमएस, पीएचडी, इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स (4-7 साल) करने वाले छात्र।
    • रिसर्च में बाधा: प्रोजेक्ट्स अधूरे रहने, थीसिस डिले होने का खतरा।
  2. आर्थिक बोझ:
    • रिन्यूअल फीस + वकील खर्च + ट्रैवल लागत।
    • अनुमानित खर्च: $500-$2000 प्रति बार (₹40,000-₹1.6 लाख)।
  3. करियर पर संकट:
    • OPT/इंटर्नशिप का समय छोटा हो सकता है।
    • वीजा गैप होने पर नौकरी के ऑफर रद्द!
  4. तनाव और अनिश्चितता:
    • “अब भारतीय छात्रों को अपनी पढ़ाई के बीच में वीजा विस्तार की चिंता सताएगी” — रितेश जैन, लॉन्चएड ग्लोबल

अमेरिका क्यों ला रहा ये बदलाव?

  • 2020 के ट्रंप-युग प्रस्ताव का “रिवाइव्ड वर्जन”।
  • बाइडेन प्रशासन ने पहले इसे रद्द किया था, पर अब DHS ने इसे व्हाइट हाउस की मंजूरी दिला ली है।
  • अगले 30-60 दिनों में पब्लिक कमेंट पीरियड शुरू होगा।

तैयारी कैसे करें? भारतीय छात्रों के लिए एक्शन प्लान:

  1. अपडेट्स ट्रैक करें:
    • US एंबेसी/कंसुलेट वेबसाइट्स और अपनी यूनिवर्सिटी के अलर्ट्स पर नजर रखें।
  2. फंड्स प्लान करें:
    • कोर्स के बीच में रिन्यूअल के लिए अतिरिक्त ₹50,000-₹2 लाख बचाएं।
  3. एडवाइजर्स से बात करें:
    • कोर्स ड्यूरेशन कम करने, डिफरल लेने या एक्सटेंशन की प्रक्रिया समझें।
  4. आवाज उठाएं:
    • पब्लिक कमेंट पीरियड में ISOA (इंटरनेशनल स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन) जैसे ग्रुप्स से जुड़ें।

क्या हो सकता है भविष्य में?

  • अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ को नुकसान: भारतीय छात्र कनाडा/ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को तरजीह दे सकते हैं।
  • ग्रीन कार्ड/डुअल-इंटेंट वीजा पर चर्चा तेज़ हो सकती है।

“यह बदलाव भारतीय छात्रों के लिए केवल वीजा नहीं, बल्कि उनके सपनों की टाइमलाइन बदल देगा!” — डॉ. हितेश भाटिया, नवरचना यूनिवर्सिटी


निष्कर्ष:

अगर आप 2025/26 से अमेरिका पढ़ने जा रहे हैं:
⚠️ यूनिवर्सिटी चुनते समय उनकी वीजा सपोर्ट पॉलिसी पूछें।
⚠️ फंड्स में 25% अतिरिक्त रखें।
⚠️ कमेंट पीरियड में सक्रिय भाग लें – यही समय है अपनी आवाज़ दबाने का!

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