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भारतीय शेयर बाजार में भूचाल: निफ्टी-सेंसेक्स ने 5 साल में सबसे लंबी गिरावट दर्ज की!

“6 हफ्ते लगातार लाल निशान! निफ्टी-सेंसेक्स पर मंडरा रहा है 5 साल का सबसे भारी संकट।”

8 अगस्त 2025 का विश्लेषण – भारतीय शेयर बाजार इन दिनों जबरदस्त उथल-पुथल का सामना कर रहा है। आज, 8 अगस्त 2025 (शुक्रवार) को समाप्त हफ्ते के साथ ही निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स ने लगातार छठी हफ्ते गिरावट दर्ज की है। यह अप्रैल 2020 के बाद से सबसे लंबी साप्ताहिक गिरावट की लकीर है, जो बाजार में छाए गहरे अंधेरे की तरफ इशारा करती है।

📉 आज का बाजार हालत: निराशा ही निराशा!

दोपहर 5:34 बजे (IST) के क्लोजिंग आंकड़े चौंकाने वाले हैं:

इंडेक्सस्तर (8 अगस्त 2025)दैनिक बदलावसाप्ताहिक बदलाव
निफ्टी 5024,363.3 अंक-0.95%-0.8%
बीएसई सेंसेक्स79,857.79 अंक-0.95%-0.9%

ये आंकड़े साफ बता रहे हैं: बाजार में भारी निराशा और बिकवाली का दबाव बना हुआ है।

🔍 गिरावट के 4 बड़े कारण: जानिए क्यों डूब रहा है बाजार?

  1. अमेरिकी आयात शुल्क (टैरिफ) का भूत:
    अमेरिका ने हाल में भारतीय सामानों पर शुल्क बढ़ा दिए हैं – खासकर टेक्सटाइल और रूस से तेल आयात पर शुल्क 50% तक बढ़ा दिए गए हैं! इससे निर्यातक कंपनियों के माथे पर बल पड़ गए हैं। केपीआर मिल, गोकलदास एक्सपोर्ट जैसी कंपनियों के शेयर 4.2% से 12.1% तक लुढ़के हैं। अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता ने आग में घी का काम किया है।
  2. कंपनियों के मुनाफे में सुस्ती:
    कॉर्पोरेट नतीजे निराश कर रहे हैं। आदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 7.4% टूटे, जबकि कई बड़ी कंपनियों के मुनाफे में गिरावट ने निवेशकों के भरोसे को हिला कर रख दिया है।
  3. विदेशी निवेशकों की जोरदार बिकवाली (FII Selling):
    जुलाई 2025 की शुरुआत से अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में 3.47 अरब डॉलर (करीब 2.85 लाख करोड़ रुपये) की भारी बिकवाली की है! यह पूंजी बहिर्गमन बाजार के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है।
  4. RBI का रूढ़िवादी रवैया:
    भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई रियायत न देकर और अमेरिकी टैरिफ के जोखिमों को उजागर कर बाजार को स्पष्ट संकेत दिया है: “अभी सपोर्ट की उम्मीद कम ही रखें।”

📊 सेक्टरल हालत: किसे लगा सबसे ज्यादा झटका?

गिरावट हर सेक्टर पर एक जैसी नहीं है। आइए देखते हैं किस सेक्टर को कितना नुकसान हुआ है (8 अगस्त को दैनिक गिरावट):

सेक्टरदैनिक गिरावट
फार्मा सेक्टर-2.8%
एनर्जी सेक्टर-1.4%
स्मॉल-कैप इंडेक्स-1.4%
मिड-कैप इंडेक्स-1.1%
फाइनेंशियल्स-1.2%
आईटी सेक्टर-0.7%

साफ है: फार्मा और एनर्जी सेक्टर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

🌍 बड़ी तस्वीर: वैश्विक तूफान में फंसा भारत!

यह सिर्फ भारत की कहानी नहीं है। अमेरिकी टैरिफ जंग, वैश्विक व्यापार तनाव और भू-राजनीतिक उथल-पुथल ने पूरी दुनिया के उभरते बाजारों (इमर्जिंग मार्केट्स) को हिला कर रख दिया है। भारत जैसी निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्थाएं इन झटकों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हैं।

🔮 आगे क्या? निवेशक रखें धैर्य!

हालांकि यह गिरावट चिंताजनक है, लेकिन याद रखें: शेयर बाजार चक्रीय होते हैं। गिरावट के बाद सुधार की संभावना हमेशा बनी रहती है। निवेशकों को अफवाहों से बचना चाहिए, अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए और दीर्घकालिक नजरिये पर टिके रहना चाहिए।

“बाजार का मिजाज हमेशा एक जैसा नहीं रहता। आज की गिरावट कल के उछाल की नींव हो सकती है। समझदारी धैर्य और सूचित निर्णय में है।”

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