30 अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा 2025 ने इस बार भी भक्तों की अटूट आस्था को साबित कर दिया है। मानसून के कारण यात्रा की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई, लेकिन बारिश और खराब मौसम के बावजूद 40.50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब के दर्शन किए।
धामों में दर्शनार्थियों की संख्या
- केदारनाथ धाम: 14,13,109
- बदरीनाथ धाम: 11,84,962
- गंगोत्री धाम: 6,57,204
- यमुनोत्री धाम: 5,77,335
- हेमकुंड साहिब: 2,18,077
13 जुलाई तक प्रतिदिन लगभग 8,000 श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे, लेकिन अब यह संख्या 30,000 प्रतिदिन तक पहुँच गई है।
यात्रा के दौरान एक दुखद घटना
महाराष्ट्र के नासिक जिले की 53 वर्षीय अरुणा नामपुरे यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी करने के बाद गंगोत्री जा रही थीं कि रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत बड़कोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण हृदयाघात बताया गया।
केदारनाथ तक नई सुरंग का प्रस्ताव
2013 और 2024 की प्राकृतिक आपदाओं के बाद केंद्र सरकार ने केदारनाथ धाम तक पहुँचने के लिए एक नया सुरक्षित मार्ग बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जाएगी, जो चौमासी से लिंचोली तक जाएगी।
वर्तमान और भविष्य का रास्ता
- अभी: गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी पैदल मार्ग (रामबाड़ा, लिंचोली होते हुए)
- नया रास्ता: चौमासी से 7 किमी सुरंग के बाद लिंचोली, फिर 5 किमी पैदल
- फायदा: यह मार्ग लैंडस्लाइड जोन से मुक्त होगा और मौसम की मार से सुरक्षित रहेगा।
क्यों जरूरी है यह नया मार्ग?
- 2013 की आपदा और 2024 में हुए भूस्खलन के बाद केदारनाथ का रास्ता अत्यंत संवेदनशील हो गया है।
- नया मार्ग चट्टानी इलाके से गुजरेगा, जहाँ भूस्खलन का खतरा कम है।
- इससे यात्रा का समय कम होगा और सुरक्षा बढ़ेगी।
निष्कर्ष
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनती है। इस बार भी मौसम की चुनौतियों के बावजूद 40 लाख से अधिक भक्तों ने दर्शन किए। सरकार द्वारा नए मार्गों का निर्माण यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। अगले कुछ वर्षों में केदारनाथ यात्रा और सुगम हो जाएगी।
जय बाबा केदार! जय बदरी विशाल! 🙏
क्या आप इस साल चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं? अपने अनुभव कमेंट में शेयर करें!
More Stories
एयर इंडिया क्रैश: ब्रिटिश पीड़ितों के परिवारों को गलत शव मिले, भारत सरकार ने जांच का आश्वासन दिया
केदारनाथ-हेमकुंड साहिब रोपवे: 9 घंटे की तीर्थयात्रा अब सिर्फ 36 मिनट में!
भारतीय छात्र पर ऑस्ट्रेलिया में जातिवादी हमला, गंभीर रूप से घायल