नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 – एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने “स्वास्थ्य कारणों” का हवाला देते हुए यह फैसला लिया, लेकिन विपक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे “राजनीतिक दबाव” का नतीजा बताया है।
मुख्य घटनाक्रम:
- अचानक इस्तीफे ने मचाई हलचल: राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही इस्तीफा दे दिया। इससे पहले वह ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर हुई जोरदार बहस की अध्यक्षता कर रहे थे।
- विपक्ष ने उठाए सवाल: आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा, “सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देना मुश्किल लगता है, इसमें कोई राजनीतिक वजह छुपी हो सकती है।” कांग्रेस नेता सुखदेव भगत ने भी संदेह जताया।
- बैठक में नहीं पहुंचे सत्ता पक्ष के नेता: इस्तीफे से पहले धनखड़ ने सरकार और विपक्ष की एक बैठक बुलाई थी, लेकिन सत्ता पक्ष के सांसद नहीं पहुंचे। इसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
- संसद में जारी है फ्लोर लीडर्स की बैठक: लोकसभा और राज्यसभा के नेता संसद भवन में जुटे हैं। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मौजूद हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- विपक्ष ने मांगा सफाई: कांग्रेस नेता सुखदेव भगत ने कहा, “राजनीति में सब कुछ वैसा नहीं होता जैसा दिखता है। अगर स्वास्थ्य ही वजह थी, तो इस्तीफे का तरीका अलग होता।”
- सरकार चुप्पी साधे हुए: सत्ता पक्ष की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार संकट को संभालने की कोशिश कर रही है।
अब क्या होगा?
उपराष्ट्रपति पद खाली होने के बाद संवैधानिक प्रक्रिया के तहत नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा सरकार के भीतर गहरे मतभेदों का संकेत देता है।
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