जम्मू-कश्मीर, 2 अगस्त 2025: पवित्र अमरनाथ गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा, जो इस साल 3 जुलाई से शुरू हुई थी, वर्तमान में भारी बारिश के कारण निलंबित है। दोनों मुख्य मार्गों – पहलगाम और बालटाल – पर जरूरी मरम्मत और रखरखाव कार्य चल रहे हैं, जिससे यात्रा शुक्रवार, 3 अगस्त 2025 तक प्रभावित रहने की संभावना है।
यात्रा निलंबन के मुख्य बिंदु
- कारण: जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में हाल ही में हुई भारी बारिश ने पहलगाम-चंदवारी और सोनमर्ग-बालटाल मार्गों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे तीर्थयात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
- अवधि: 2 अगस्त, 2025 की ताजा जानकारी के अनुसार, यात्रा पर 3 अगस्त, 2025 तक के लिए रोक लगाई गई है। मरम्मत कार्य की प्रगति के बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा।
- प्रभावित मार्ग: पहलगाम और बालटाल दोनों ही मार्ग प्रभावित हैं। जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से भी 1 और 2 अगस्त को नई यात्री टोलियों को जाने की अनुमति नहीं दी गई।
- मरम्मत प्रयास: सीमा सड़क संगठन (BRO) और बचाव दल क्षतिग्रस्त पथों को ठीक करने के लिए पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं, विशेषकर पहलगाम मार्ग पर।
- सुरक्षा सर्वोपरि: कश्मीर के प्रभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधुरी सहित अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह निलंबन पूरी तरह से “तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के हित में” एक जरूरी कदम है।
यात्रा की वर्तमान स्थिति और पृष्ठभूमि
- इस वर्ष अब तक 4.05 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र बर्फ के शिवलिंग (होली आइस लिंगम) के दर्शन किए हैं।
- यात्रा का निर्धारित समापन 9 अगस्त, 2025 (रक्षाबंधन) को होना है।
- यह पहली बार नहीं है जब मौसम ने यात्रा में बाधा डाली है। इसी साल 17 जुलाई को भी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा को एक दिन के लिए रोकना पड़ा था, जो अगले दिन फिर शुरू हुई। 2023 में भी ऐसी ही समस्याएं आई थीं।
आगे की राह और महत्वपूर्ण सलाह
- अधिकारियों द्वारा मरम्मत कार्य पूरा होने और मार्गों के पूरी तरह सुरक्षित घोषित होने के बाद ही यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद है। 3 अगस्त के बाद यात्रा के फिर से शुरू होने की संभावना है।
- तीर्थयात्रियों से अनुरोध है कि वे:
- श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल्स पर नजर रखें।
- बेस कैंप्स या जम्मू में रुककर आधिकारिक घोषणा और हरी झंडी मिलने का धैर्यपूर्वक इंतजार करें।
- अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
निष्कर्ष
भक्तों की आस्था का केंद्र अमरनाथ यात्रा इस समय प्रकृति की चुनौती का सामना कर रही है। प्रशासन और बीआरओ द्वारा मार्गों को शीघ्रातिशीघ्र सुरक्षित बनाने के प्रयास जारी हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि जल्द ही मरम्मत कार्य पूरा होगा और श्रद्धालु फिर से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आगे बढ़ पाएंगे। सभी भक्तों से धैर्य बनाए रखने और आधिकारिक जानकारी का ही इंतजार करने का अनुरोध है।
हर हर महादेव!
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