नई दिल्ली, 19 अगस्त 2025 – चीन के विदेश मंत्री वांग यी दो दिवसीय भारत यात्रा पर सोमवार, 18 अगस्त को नई दिल्ली पहुँचे। मंगलवार शाम लगभग 5:30 बजे वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब भारत-चीन संबंधों को नई दिशा देने की कोशिशें तेज़ हो रही हैं, खासकर एलएसी (Line of Actual Control) पर सीमा विवाद के समाधान को लेकर।
एजेंडा क्या है?
- सीमा वार्ता: 24वें दौर की स्पेशल रिप्रेज़ेंटेटिव स्तर की चर्चा के जरिए रुकी हुई सीमा वार्ताओं को फिर से आगे बढ़ाना।
- व्यापारिक रिश्ते: वैश्विक टैरिफ़ दबाव और अमेरिका द्वारा लगाए गए हालिया शुल्कों की पृष्ठभूमि में भारत-चीन के व्यापारिक संबंधों की समीक्षा।
- रणनीतिक सहयोग: व्यापक सहयोग की संभावनाओं पर बातचीत, जिसमें टेक्नोलॉजी, निवेश और कूटनीतिक समन्वय शामिल हैं।
- इसके अलावा वांग यी की मुलाकात विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी होगी।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
- यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब पीएम मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर को तियानजिन, चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं।
- हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी चर्चा में रही।
- चीन की ओर से संवाद को जारी रखने पर “सकारात्मक रुख” जताया गया है।
व्यापक असर
इस उच्च-स्तरीय कूटनीतिक पहल का उद्देश्य न केवल सीमा विवाद को ठंडा करना है, बल्कि अमेरिका की व्यापारिक नीतियों से पैदा हुए दबाव के बीच भारत-चीन संबंधों में संतुलन कायम करना भी है। अगर बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ती है, तो पूर्वी लद्दाख जैसे संवेदनशील मुद्दों पर प्रगति संभव हो सकती है।
👉 यह यात्रा इस बात का संकेत देती है कि एशिया की दो बड़ी ताकतें अपने मतभेदों के बावजूद संवाद और सहयोग की राह पर लौटने की इच्छुक हैं।
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