पटना, 4 अगस्त 2025: बिहार की सियासत में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर दो वोटर आईडी रखने का आरोप लगा है। चुनाव आयोग ने इस मामले में तेजस्वी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है, जिसके बाद बिहार का सियासी पारा गरमा गया है।
विवाद की शुरुआत
2 अगस्त 2025 को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम गायब है। उन्होंने EPIC नंबर RAB2916120 का जिक्र करते हुए इसे लाइव स्क्रीन पर दिखाया और कहा कि इस नंबर पर “No Records Found” का संदेश आया। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए चुनाव आयोग पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि उनकी वोटर आईडी हटाई गई है, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकते।
चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मतदान केंद्र संख्या 204, क्रमांक 416 पर EPIC नंबर RAB0456228 के साथ मौजूद है। आयोग ने बताया कि यह वही नंबर है, जिसका उपयोग तेजस्वी ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में किया था। इसके साथ ही, आयोग ने तेजस्वी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाए गए EPIC नंबर RAB2916120 को संदिग्ध बताया, क्योंकि यह पिछले 10 साल के रिकॉर्ड में नहीं मिला और न ही इसे आधिकारिक रूप से जारी किया गया प्रतीत होता है। आयोग ने तेजस्वी को नोटिस भेजकर इस नंबर की मूल वोटर आईडी जमा करने और स्पष्टीकरण देने को कहा है।
दो वोटर आईडी का सियासी तूफान
तेजस्वी के दावे के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने उन पर दो वोटर आईडी रखने का गंभीर आरोप लगाया। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत एक व्यक्ति का दो वोटर आईडी रखना अपराध माना जाता है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे “चुनावी घोटाला” करार देते हुए तेजस्वी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, JDU प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह RJD की साजिश का हिस्सा है, जिसका मकसद मतदाता सूची में हेरफेर करना हो सकता है। पटना के दीघा थाने में वकील राजीव रंजन ने तेजस्वी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दो वोटर आईडी रखने को अपराध बताते हुए FIR की मांग की गई।
तेजस्वी का पक्ष
तेजस्वी ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में EPIC नंबर RAB2916120 से वोट डाला था, लेकिन अब यह नंबर वोटर लिस्ट में नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी और सत्तारूढ़ दल के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। RJD नेताओं ने इसे “गोदी आयोग” की साजिश करार दिया और दावा किया कि तेजस्वी को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
कानूनी और सियासी निहितार्थ
भारत में दो वोटर आईडी रखना गैरकानूनी है और इसके लिए सजा का प्रावधान है। यदि तेजस्वी का दूसरा EPIC नंबर फर्जी पाया जाता है, तो यह उनके लिए कानूनी और राजनीतिक रूप से गंभीर संकट पैदा कर सकता है। अगर वे इसे पुराना या निष्क्रिय कार्ड साबित कर देते हैं, तो मामला कम गंभीर हो सकता है। हालांकि, आयोग ने संकेत दिए हैं कि दूसरा नंबर उनके रिकॉर्ड में नहीं है, जिससे यह मामला और जटिल हो गया है।
बिहार में गरमाई सियासत
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद सियासी हथियार बन चुका है। एनडीए नेता, जैसे बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए इसे RJD की नैतिक हार बताया। दूसरी ओर, RJD समर्थक इसे तेजस्वी को बदनाम करने की साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है, जहां #TejashwiVoterID हैशटैग के साथ लोग अपने-अपने पक्ष रख रहे हैं।
आगे क्या?
चुनाव आयोग की जांच और तेजस्वी का जवाब इस मामले के भविष्य को तय करेगा। यदि दूसरा EPIC नंबर गलत या फर्जी साबित होता है, तो तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर वे इस नंबर की वैधता साबित कर देते हैं, तो यह मामला उनकी सियासी छवि को और मजबूत कर सकता है। फिलहाल, बिहार की सियासत में यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।
नोट: यह खबर समाचार स्रोतों और सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। मामले की जांच जारी है, और अंतिम निष्कर्ष चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।
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