जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में चल रहा एनकाउंटर एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गया है। भारतीय सेना ने पहली बार अपने घातक ‘रुद्र’ अटैक हेलिकॉप्टर को ऑपरेशन में उतारा है, जिससे आतंकवादियों के बच निकलने की संभावना लगभग शून्य हो गई है। तीन दिनों से जारी इस जवाबी कार्रवाई में अब तक 3 से 5 आतंकवादी ढेर किए जा चुके हैं।
[कल्पना कीजिए: घने अखल जंगल के ऊपर से गुजरता हुआ एक रुद्र हेलिकॉप्टर, अपने 20 मिमी गन से आतंकवादियों पर निशाना साधता हुआ]
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
- स्थान: कुलगाम का दुर्गम अखल वन क्षेत्र (J&K)
- शुरुआत: शुक्रवार शाम (1 अगस्त), फिर रविवार (3 अगस्त) को फिर से तेज।
- बल: भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG), राष्ट्रीय राइफल्स (RR), पैरा स्पेशल फोर्सेज (SF) और आर्मी एविएशन कॉर्प्स (AAC) का संयुक्त अभियान।
- वजह: खुफिया सूचनाओं के आधार पर आतंकवादियों की मौजूदगी।
‘रुद्र’ हेलिकॉप्टर: गेम-चेंजर तैनाती
इस ऑपरेशन का सबसे महत्वपूर्ण और चर्चित पहलू है HAL रुद्र अटैक हेलिकॉप्टर का पहली बार किसी एनकाउंटर में इस्तेमाल।
- घातक शस्त्रागार: रुद्र लैस है:
- 20 मिमी स्वचालित तोप (घातक करीबी हवाई सहायता)
- 70 मिमी रॉकेट पॉड्स (विस्तृत क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए)
- हेलिना (HELINA) एंटी-टैंक मिसाइलें (अत्यधिक सटीक)
- नाइट विजन और थर्मल कैमरे (अंधेरे और घने आवरण में भी देखने की क्षमता)
- भूमिका:
- क्लोज एयर सपोर्ट (CAS): जमीनी बलों को सीधी हवाई सहायता प्रदान करना, आतंकवादियों पर दबाव बनाए रखना।
- सर्विलांस एंड ट्रैकिंग: थर्मल इमेजिंग से छिपे हुए आतंकवादियों का पता लगाना।
- ‘नो एस्केप ऑपरेशन’: इसकी मौजूदगी और ताकत ने ऑपरेशन को एक “भागने का कोई रास्ता नहीं” वाली कार्रवाई बना दिया है। हेलिकॉप्टर विशेष रूप से शेष बचे आतंकवादियों (रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग 2) का पीछा करने में लगा हुआ है।
- रणनीतिक महत्व:
- यह तैनाती सेना की दुर्गम वन क्षेत्रों में भी त्वरित और भारी जवाबी क्षमता दिखाती है।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित रुद्र की युद्ध क्षमता हाल ही में (27 जुलाई 2025) लेफ्टिनेंट जनरल पेंढारकर द्वारा देखे गए लाइव-फायर ड्रिल में साबित हुई थी।
ऑपरेशन की वर्तमान स्थिति (3 अगस्त 2025 तक)
- चल रहा ऑपरेशन: अखल जंगल में जवाबी कार्रवाई जारी है। अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है।
- आतंकवादी ढेर: अभी तक तीन आतंकवादियों को मार गिराया।
- रणनीति: ड्रोन्स, थर्मल इमेजिंग डिवाइस और “कैलिब्रेटेड फायर” (नियंत्रित गोलीबारी) के साथ-साथ रुद्र का उपयोग।
निष्कर्ष
कुलगाम का अखल वन एनकाउंटर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है। रुद्र अटैक हेलिकॉप्टर की पहली ऑपरेशनल तैनाती एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है, जो दुर्गम इलाकों में भी सेना की बढ़ी हुई घातक क्षमता और आतंकवादियों को कोई रियायत न देने की नीति को दर्शाता है। इसकी उन्नत निगरानी और हथियार प्रणालियों ने ऑपरेशन को एक नए स्तर पर पहुँचा दिया है। जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ रहा है, यह स्पष्ट है कि आधुनिक सैन्य तकनीक और सुरक्षा बलों की बहादुरी का यह संयोजन आतंकवाद से निपटने में एक निर्णायक कारक साबित हो रहा है।
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