बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने शनिवार को कर्नाटक की राजनीति को हिला देने वाले सेक्स स्कैंडल में ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को उनकी घरेलू सहायिका के साथ बार-बार बलात्कार, यौन उत्पीड़न और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई गई है। अदालत ने उन पर 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जो पीड़िता को मुआवजे के रूप में दिया जाएगा।
🔍 सजा का विवरण: किस धारा में क्या मिला?
आरोप | धारा | सजा | जुर्माना |
---|---|---|---|
प्रभाव का इस्तेमाल कर बलात्कार | IPC 376(2)(k) | आजीवन कारावास | ₹5 लाख |
बार-बार बलात्कार | IPC 376(2)(n) | आजीवन कारावास | ₹5 लाख |
यौन उत्पीड़न | IPC 354A | 3 साल कठोर कारावास | ₹25,000 |
कपड़े उतारने की कोशिश | IPC 354B | 7 साल कठोर कारावास | ₹50,000 |
गुप्त रूप से फोटो/वीडियो लेना | IPC 354C | 3 साल कठोर कारावास | – |
आपराधिक धमकी | IPC 506 | 2 साल कठोर कारावास | ₹10,000 |
सबूत मिटाना | IPC 201 | 3 साल कठोर कारावास | ₹25,000 |
गोपनीयता का उल्लंघन | IT Act 66(E) | 3 साल कठोर कारावास | ₹25,000 |
📜 केस की कहानी: वीडियो लीक, जर्मनी भागो और DNA सबूत!
- वीडियो बम: अप्रैल 2024 में हासन लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्वल द्वारा रिकॉर्ड किए गए 2000+ अश्लील फोटो/वीडियो लीक हुए। इनमें कथित तौर पर कई महिलाओं के साथ यौन हिंसा के दृश्य थे।
- जर्मनी भागो: विवाद फैलते ही प्रज्वल चुनाव के बाद जर्मनी भाग गए। 31 मई 2024 को लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
- घातक DNA सबूत: पीड़िता की साड़ी पर मिले स्पर्म के निशान और शरीर के तरल अवशेषों का DNA प्रज्वल से मेल खाता था। यह सबूत केस का टर्निंग पॉइंट बना।
- ड्राइवर की गवाही: प्रज्वल के पूर्व ड्राइवर कार्तिक एन ने कोर्ट में बताया कि उसने प्रज्वल के फोन में 40-50 यौन हमलों के वीडियो देखे थे।
😡 पीड़िताओं का दर्द: “वीडियो कॉल पर कपड़े उतरवाता था!”
एक पीड़ित युवती ने अदालत में बताया:
“वो मेरी मां के फोन पर कॉल करता और मुझे वीडियो कॉल उठाने को कहता। मना करने पर धमकाता: ‘मां ने सहयोग नहीं किया तो पिता की नौकरी छीन लूंगा और तेरे साथ रेप करूंगा!'”
- मां के साथ बलात्कार: पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु के बसवनगुड़ी स्थित रेवन्ना के आवास पर उसके साथ बलात्कार किया गया।
- परिवार तबाह: पीड़िता के अनुसार, “2 साल के उत्पीड़न ने हमें उजाड़ दिया। पिता की नौकरी छिन गई, जमीन बेचनी पड़ी।”
- नौकरानियों का खौफ: घर में काम करने वाली महिलाएं रेवन्ना परिवार से डरी रहती थीं। एक ने बताया, “प्रज्वल के घर आते ही सन्नाटा छा जाता था।”
⚡ अदालत का ऐतिहासिक फैसला: “क्रूर मानसिकता का प्रमाण!”
विशेष लोक अभियोजक बी.एन. जगदीश ने सजा सुनाए जाने से पहले कहा:
“यौन उत्पीड़न के वीडियो प्रज्वल की क्रूर मानसिकता को दर्शाते हैं। वे आदतन अपराधी हैं। धन और राजनीतिक शक्ति उदारता की गारंटी नहीं है!”
सजा सुनाए जाने से पहले प्रज्वल रो पड़े और चुनावी साजिश का आरोप लगाया:
“जब मैं सांसद था, तब कोई शिकायत क्यों नहीं की गई? यह मामला चुनाव के दौरान ही क्यों सामने आया?”
💡 क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
- ताकतवर बनाम आम आदमी: अदालत ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक प्रभाव या पैसा न्याय पर भारी नहीं पड़ेगा।
- डिजिटल सबूतों की भूमिका: मोबाइल वीडियो, पेन ड्राइव और DNA जैसे सबूतों ने न्याय दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
- पीड़िताओं को न्याय: कर्नाटक पुलिस की SIT टीम ने पीड़ित महिलाओं के बयानों को गंभीरता से लिया, जिससे सच सामने आया।
✍️ आपकी राय?
क्या यह फैसला भारत में यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा?
अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया इसे शेयर करें
More Stories
भारतीय वायुसेना को मिले 16 सी-295 विमान: रक्षा क्षमताओं में बड़ा बूस्ट, ‘मेक इन इंडिया’ की ओर कदम!
कुलगाम एनकाउंटर: पहली बार ‘रुद्र’ अटैक हेलिकॉप्टर तैनात, आतंकवादियों के लिए ‘नो एस्केप ऑपरेशन’!
एक फोटो ने तोड़ा पहलगाम पहेली का कोड! जानिए पूरा सच।