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India questions Dukes ball in Lord's Test, demands ICC rule change before Oval final

भारत ने लॉर्ड्स टेस्ट में ड्यूक्स बॉल पर उठाए सवाल, ओवल फाइनल से पहले आईसीसी नियम परिवर्तन की मांग की

लंदन, 31 जुलाई, 2025 – भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में हुए तीसरे टेस्ट मैच के दौरान विवादास्पद गेंद बदलने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सामने औपचारिक शिकायत दर्ज की है। इस मैच में भारत को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। विवाद तब शुरू हुआ जब मात्र 10.3 ओवर के बाद खराब हुई ड्यूक्स गेंद को बदला गया। भारत का आरोप है कि प्रतिस्थापन गेंद लगभग 30-35 ओवर पुरानी थी, जिसने मैच की गतिशीलता को बदल दिया और उनकी हार का कारण बनी। अब ओवल में होने वाले पांचवें और अंतिम टेस्ट से पहले भारत गेंद बदलने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नियमों में बदलाव की मांग कर रहा है।

लॉर्ड्स में गेंद बदलने की घटना

टेस्ट मैच के दौरान भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने नई ड्यूक्स गेंद से शानदार शुरुआत करते हुए पहले 14 गेंदों में तीन विकेट झटक लिए। हालांकि, 10.3 ओवर के बाद गेंद को खराब घोषित कर दिया गया और इसे बदल दिया गया। कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व वाली भारतीय टीम को बताया गया कि प्रतिस्थापन गेंद समान उम्र की होगी, लेकिन टीम का दावा है कि बदली गई गेंद काफी पुरानी (लगभग 30-35 ओवर) थी, जिससे इसका स्विंग और सीम मूवमेंट कम हो गया। भारत का मानना है कि इस बदलाव ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पारी को स्थिर करने का मौका दिया और अंततः भारत को मैच में दबाव बनाने का अवसर छिन गया। भारतीय गेंदबाज मोहम्मद सिराज को स्टंप माइक पर यह कहते हुए सुना गया, “क्या यह सच में 10 ओवर पुरानी गेंद है?”

गिल ने अंपायरों के साथ तीखी बहस की और गेंद बदलने की प्रक्रिया में स्पष्टता की कमी पर नाराजगी जताई। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय प्रबंधन का मानना है कि अगर उन्हें पता होता कि बदली गई गेंद इतनी पुरानी होगी, तो वे खराब गेंद के साथ ही खेलना जारी रखते। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस मामले को आईसीसी के सामने उठाते हुए गेंद बदलने की प्रक्रिया की समीक्षा करने की मांग की है।

भारत की नियम परिवर्तन की मांग

भारत की मुख्य शिकायत गेंद बदलने की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर है। टीम अधिकारियों के अनुसार, अंपायरों ने उन्हें प्रतिस्थापन गेंद की उम्र के बारे में नहीं बताया, जिससे उनकी गेंदबाजी रणनीति प्रभावित हुई। BCCI ने आईसीसी से कानून 4.5 में संशोधन की मांग की है, जो गेंद बदलने से जुड़ा है। उनका सुझाव है कि टीमों को पहले ही बदली जाने वाली गेंद की स्थिति और उम्र के बारे में सूचित किया जाए, ताकि कप्तान सही निर्णय ले सकें कि खराब गेंद के साथ खेलना जारी रखना है या प्रतिस्थापन स्वीकार करना है।

इसके अलावा, भारत ने गेंद चयन प्रक्रिया में पक्षपात की आशंका जताई है। टेस्ट मैचों में, चौथा अंपायर (आमतौर पर मेजबान देश का) बल्लेबाजी पक्ष के सामने गेंदों का एक बॉक्स पेश करता है। भारत का आरोप है कि यह प्रक्रिया, जो बिना किसी निष्पक्ष मैच रेफरी के होती है, मेजबान टीम (इस मामले में इंग्लैंड) को अनुचित लाभ देती है। टीम ने अधिक निगरानी की मांग करते हुए सुझाव दिया है कि गेंद चयन की प्रक्रिया में एक निष्पक्ष अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।

खिलाड़ियों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

इस विवाद ने व्यापक बहस छेड़ दी है। इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक टेस्ट गेंद 80 ओवर तक चलनी चाहिए, न कि मात्र 10 ओवर में खराब हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार गेंद बदलने से मैच का संतुलन बिगड़ता है। वहीं, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भी इस बात का समर्थन करते हुए कहा कि लगातार गेंद बदलने से बल्ले और गेंद के बीच का संघर्ष प्रभावित होता है। भारत के पूर्व स्पिनर अनिल कुंबले ने पुरानी ड्यूक्स गेंदों का उपयोग फिर से शुरू करने और स्विंग को बढ़ाने के लिए थूक पर प्रतिबंध हटाने का सुझाव दिया।

ड्यूक्स के मालिक दिलीप जाजोडिया ने गेंद की गुणवत्ता का बचाव करते हुए आधुनिक क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी और हार्ड पिच को गेंदों के जल्दी खराब होने का कारण बताया। उन्होंने 80 ओवर में गेंद बदलने के नियम को घटाकर 60-70 ओवर करने का सुझाव दिया, लेकिन साथ ही कहा कि निर्माण प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आया है। जाजोडिया ने भारत की चिंताओं की जांच के लिए पहले तीन टेस्ट में इस्तेमाल की गई गेंदों की समीक्षा करने का भी वादा किया।

ओवल टेस्ट पर प्रभाव

सीरीज इस समय 2-1 से इंग्लैंड के पक्ष में है, और 31 जुलाई से शुरू हो रहे ओवल के पांचवें टेस्ट में भारत को सीरीज 2-2 से बराबरी पर लाने के लिए जीत की जरूरत है। हालांकि, गेंद विवाद ने इस मैच को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ओवल की पिच, जिसमें हरापन देखा गया है, शुरुआती ओवरों में तेज गेंदबाजों को मदद कर सकती है, खासकर बादलों और नमी भरी परिस्थितियों में। लॉर्ड्स जैसी कोई और घटना भारत के लिए निराशाजनक होगी, खासकर जसप्रीत बुमराह की चोट को लेकर चिंताओं के बीच।

ओवल के लिए मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पहले दिन 80-98% बारिश की संभावना है, और तूफान की चेतावनी भी जारी की गई है, जिससे खेल प्रभावित हो सकता है। अगर मैच छोटा होता है, तो ड्रॉ की संभावना बढ़ जाएगी, जो इंग्लैंड के पक्ष में होगा और गेंद विवाद को भारत की सीरीज संभावनाओं के लिए और अधिक महत्वपूर्ण बना देगा।

व्यापक संदर्भ

ड्यूक्स गेंद को लेकर विवाद नया नहीं है, पिछली सीरीज में भी ऐसी शिकायतें सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर भारतीय प्रशंसकों ने नाराजगी जताई है, जिनमें से कई ने लॉर्ड्स की घटना को मैच का टर्निंग प्वाइंट बताया और आईसीसी की निगरानी पर सवाल उठाए। यह मुद्दा आधुनिक क्रिकेट के विकास से जुड़ी व्यापक चर्चा का हिस्सा भी है, जहां आक्रामक बल्लेबाजी और पिच की स्थितियां गेंदों पर अभूतपूर्व दबाव डाल रही हैं। जैसे-जैसे भारत ओवल के लिए तैयार हो रहा है, टीम न केवल इंग्लैंड के खिलाफ, बल्कि निष्पक्ष खेल के लिए नियमों में बदलाव की मांग करते हुए लड़ रही है।

आईसीसी ने अभी तक भारत की शिकायत पर औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस विवाद का परिणाम भविष्य के नियमों को प्रभावित कर सकता है। फिलहाल, सभी की नजरें ओवल पर हैं, जहां भारत को उम्मीद है कि वह इंग्लैंड और प्रतिकूल परिस्थितियों दोनों को पार करते हुए सीरीज को बराबरी पर ला सकेगा।

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