एक काला दिन – 23 जून 1985
23 जून 1985 को दुनिया ने विमानन इतिहास के सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक देखा। एयर इंडिया फ्लाइट 182, जो टोरंटो से मुंबई के लिए मॉन्ट्रियल और लंदन होते हुए उड़ान भर रहा था, आयरलैंड के तट के पास 31,000 फीट की ऊंचाई पर बम विस्फोट से ध्वस्त हो गया। इस हादसे में 329 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 268 कनाडाई नागरिक, 27 ब्रिटिश और 22 भारतीय शामिल थे।
यह घटना न सिर्फ कनाडा के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला बनी, बल्कि एयर इंडिया की सबसे भीषण विमान दुर्घटना भी रही।
विमान का सफर और विनाशकारी विस्फोट
फ्लाइट 182 एक बोइंग 747-237B विमान था, जिसका नाम ‘सम्राट कनिष्क’ था। यह विमान पहले फ्लाइट 181 के रूप में टोरंटो से मॉन्ट्रियल पहुंचा और फिर फ्लाइट 182 के तौर पर मॉन्ट्रियल से लंदन के लिए रवाना हुआ।
- बम कैसे लगाया गया?
- आतंकवादियों ने एक सूटकेस में सanyo ट्यूनर के अंदर बम छुपाया था।
- जब विमान 31,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा, तो बम फट गया।
- विस्फोट इतना भयानक था कि विमान का फ्यूजलेज टूट गया और यह अटलांटिक महासागर में गिर गया।
- विमान का मलबा 2000 मीटर गहरे पानी में मिला।
- नारिता हवाई अड्डे पर दूसरा विस्फोट
उसी दिन, टोक्यो के नारिता हवाई अड्डे पर कनाडाई पैसिफिक एयरलाइंस के विमान से एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें दो बैगेज हैंडलर मारे गए। यह स्पष्ट हो गया कि दोनों हमले एक ही आतंकवादी नेटवर्क द्वारा किए गए थे।
हमले के पीछे कौन था?
इस हमले की योजना खालिस्तानी आतंकवादियों ने बनाई थी, जो कनाडा में बैठे थे। मुख्य आरोपी थे:
- इंदरजीत सिंह रेयट – बम बनाने वाला, जिसने 2003 में अपना अपराध स्वीकार किया और सजा पाई।
- तलविंदर सिंह परमार – साजिश का मास्टरमाइंड, जिसकी बाद में मौत हो गई।
हमले का मकसद क्या था?
- यह हमला भारत सरकार और एयर इंडिया के खिलाफ बदला लेने के लिए किया गया था।
- आतंकवादी खालिस्तान आंदोलन से जुड़े थे और भारत के खिलाफ हिंसक कार्रवाई करना चाहते थे।
जांच और न्याय की लंबी प्रक्रिया
इस हादसे की जांच में कई साल लग गए। कनाडाई अधिकारियों ने पाया कि सीआईएसएस, आरसीएमपी और सरकारी एजेंसियों की लापरवाही के कारण इस हमले को रोका नहीं जा सका।
- 2006 में एक विशेष आयोग बनाया गया, जिसकी रिपोर्ट 2010 में आई।
- रिपोर्ट में सुरक्षा तंत्र की गंभीर खामियां उजागर हुईं।
- पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला, क्योंकि कई आरोपी बच निकले
विमान सुरक्षा में बदलाव और सबक
इस हादसे ने वैश्विक विमान सुरक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए:
✔ बैगेज स्क्रीनिंग सख्त हुई।
✔ यात्रियों की पृष्ठभूमि जांच और अधिक कड़ी हो गई।
✔ आतंकवाद रोधी नीतियों को मजबूत किया गया।
शहीदों की याद और अधूरा न्याय
- आयरलैंड के कोर्क शहर के पास एक स्मारक बनाया गया है, जहां हर साल श्रद्धांजलि दी जाती है।
- कनाडा और भारत में भी पीड़ित परिवार आज भी न्याय की मांग करते हैं।
निष्कर्ष
एयर इंडिया फ्लाइट 182 की त्रासदी ने दुनिया को दिखाया कि आतंकवाद कितना विनाशकारी हो सकता है। यह घटना न सिर्फ विमानन सुरक्षा के लिए एक सबक है, बल्कि शांति और सहिष्णुता का संदेश भी देती है।
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