जग खबर

जग खबर एक प्रमुख हिंदी समाचार वेबसाइट है, जो देश-विदेश की ताज़ा खबरों, राजनीति, मनोरंजन, खेल, व्यापार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक मुद्दों पर समग्र कवरेज प्रदान करती है। हमारा उद्देश्य पाठकों तक सटीक, निष्पक्ष और तेज़ खबरें पहुँचाना है, जिससे वे हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रह सकें।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ईडी को फटकार, सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को मिली बड़ी राहत

नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जमकर फटकार लगाई और एजेंसी के कथित राजनीतिक इस्तेमाल पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती सिद्धारमैया के खिलाफ ईडी की याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा।

“हमें मुंह खोलने पर मजबूर न करें”: सुप्रीम कोर्ट की ईडी को चेतावनी

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा, “श्रीमान, हमें कठोर शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर न करें। महाराष्ट्र में हमने इस तरह के मामले देखे हैं। कृपया इसे पूरे देश में न फैलाएं। राजनीतिक लड़ाई मतदाताओं के बीच लड़ी जानी चाहिए, आप उसमें क्यों शामिल हो रहे हैं?”

अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें MUDA (मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) घोटाले में सीएम की पत्नी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी।

सीएम सिद्धारमैया ने जताई खुशी

फैसले के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, “सच्चाई की जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि ईडी का इस मामले में दखल अनुचित था। यह फैसला न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रमाण है।” उनके कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि “अदालत ने ईडी की याचिका को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि इस मामले का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।”

MUDA घोटाला क्या है?

आरोप है कि MUDA ने मैसूर के एक प्रतिष्ठित इलाके में सीएम की पत्नी को जमीन के अधिग्रहण के बदले अनुचित लाभ पहुंचाया। विपक्ष का दावा है कि इसके तहत करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ। हालांकि, सीएम ने इन आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताया था।

ईडी पर बढ़ते सवाल

यह फैसला ऐसे समय आया है जब ईडी के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में कई राज्यों में विपक्षी नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर विवाद रहा है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से एजेंसी की भूमिका पर नए सिरे से बहस छिड़ गई है।

– कानूनी संवाददाता

अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया इसे शेयर करें

.