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ईरान एयर फ्लाइट 655 एक दर्दनाक अंतरराष्ट्रीय विमान हादसा है

ईरान एयर फ्लाइट 655 एक दर्दनाक अंतरराष्ट्रीय विमान हादसा है, जो 3 जुलाई 1988 को हुआ था। यह फ्लाइट तेहरान से दुबई जा रही थी और इसमें कुल 290 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे। विमान के बंदर अब्बास से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत USS Vincennes ने इसे फारस की खाड़ी के ऊपर अपने मिसाइल से मार गिराया था।

घटना कैसे हुई?

  • उस समय फारस की खाड़ी में ईरान-इराक युद्ध के चलते तनाव था। अमेरिकी युद्धपोत कमर्शियल जहाजों की सुरक्षा के लिए फ़िलहाल इलाके में तैनात था।
  • फ्लाइट 655 ने बंदर अब्बास (जो सैन्य और नागरिक दोनों एयरपोर्ट था) से टेकऑफ किया था। लगभग इसी समय ईरान की सेना ने कुछ F-14 फाइटर जेट्स भी उड़ान भरवायी थीं, जिससे अमेरिकी नौसेना को लगा कि संभवतः कोई फाइटर जेट उनकी तरफ आ रहा है।
  • USS Vincennes के रडार पर फ्लाइट 655 आया, लेकिन अमेरिकी क्रू ने गलतफहमी में उसे दुश्मन का फाइटर जेट समझ लिया।
  • क्रू का मानना था कि उनकी जहाज मेवरिक मिसाइलों के हमले के दायरे में है।
  • विमान ने सिविलियन ट्रांसपोंडर सिग्नल तो भेजा, मगर विमानों के बीच की भाषा और फ्रीक्वेंसी के मिसमैच के कारण अमेरिकी जहाज को सही जानकारी नहीं मिल पाई।
  • फ्लाइट ने चेतावनियों का जवाब नहीं दिया (संभावित टेक्निकल और कम्युनिकेशन कारणों से)।
  • कैप्टन ने कुछ ही मिनटों के भीतर खतरा समझते हुए उसे मार गिराने का फैसला लिया।

परिणाम:

  • अमेरिकी मिसाइल का शिकार बने इस विमान में सवार सभी 290 लोग मारे गए, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे।
  • यह एविएशन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक मानी जाती है।
  • अमेरिकी नौसेना ने बाद में इसे “दुर्भाग्यपूर्ण हादसा” बताया, परंतु ईरान आज भी इसे जानबूझकर किया गया हमला मानता है।
  • USS Vincennes के कप्तान विल सी. रोजर्स तृतीय को अमेरिकी सेना ने लीजन ऑफ मेरिट अवार्ड से नवाजा, जिससे ईरान में और भारी नाराज़गी हुई।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • फ्लाइट पूरी तरह कमर्शियल थी और मान्य एयर रूट पर उड़ान भर रही थी।
  • घटना के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका की तीखी आलोचना हुई थी।
  • 1996 में, अमेरिका ने ईरान को $61.8 मिलियन का मुआवजा दिया, लेकिन आधिकारिक तौर पर गलती मानने से इनकार किया।

ईरान एयर फ्लाइट 655 की त्रासदी आज भी इतिहास के पन्नों में एक गंभीर चेतावनी के तौर पर दर्ज है कि जंग या तनाव के माहौल में एक गलतफहमी कितनी बड़ी आपदा का कारण बन सकती है।

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